थार में गूंजेगी एफएम रेडियो की आवाज
बाड़मेर ।
रेडियो पर एफएम चैनल के शौकीनों की मुराद शीघ्र ही पूरी होगी। एफएम की आवाज सरहदी जिले बाड़मेर में ही नहीं बल्कि सीमा पार भी गूंजेगी। केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय की ओर से जिले में चौहटन की पहाड़ी पर एफएम ट्रांसमीटर स्थापित करने से यह संभव होगा। इस पर करीब 4 करोड़ रूपए खर्चहोंगे।

क्या है एफएम
रेडियो की तकनीकी भाषा में मीडियम वेव, शॉर्ट वेव व फ्रिक्वेन्सी मॉडयूलेशन (एफएम) पर प्रसारण होते हैं। सम्प्रेषण के लिए देश के भीतर मीडियम वेव व देश के बाहर शॉर्ट वेव को प्रयोग में लिया जाता है, लेकिन एक सीमित दायरे में फ्रिक्वेन्सी मॉडयूलेशन (एफएम) सेवा को प्रयोग में लिया जाता है। एफएम की खासियत यह है कि आंधी, तूफान, बरसात में भी इसकी सेवाएं प्रभावित नहीं होती है, आवाज स्पष्ट रूप से सुनाईदेती है।
सीमा पार गूंजेगी आवाज
एफएमके लिए10 किलोवॉट का ट्रांसमीटर लगाया जाएगा। टावर जमीन पर हो तो 50 से 60 किमी परिधि में प्रसारण सुनाई देता है, लेकिन चौहटन की 900 मीटर ऊंची पहाड़ी पर दूरदर्शन के टावर पर ही एफएम के उपकरण लगने पर करीब 100 किमी परिधि में प्रसारण सुने जा सकेंगे। इससे सीमा पार भी आवाज पहुंचेगी।
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