और शहर में बढ़ गई शराब की 30 दुकानें
और शहर में बढ़ गई शराब की 30 दुकानें
जयपुर। 
जद्दोजहद के बाद राज्य में शुक्रवार को नई आबकारी नीति घोषित हुई। नई नीति में अंग्रेजी और देशी शराब दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है, लेकिन डी-श्रेणी की नगर पालिकाओं में देशी और अंग्रेजी शराब की अलग-अलग दुकानों को कंपोजिट कर दी गई है। यानी अब वहां भी दोनों तरह की शराब एक साथ बिकेगी। ऎसे में इन नगर पालिकाओं की अंग्रेजी शराब की 112 दुकानें बड़े शहरों में स्थानांतरित करनी होंगी। इससे जयपुर में अंग्रेजी शराब की 30 नई दुकानें खुल जाएंगी।
अब शहर में अंग्रेजी शराब दुकानों की संख्या 190 से बढ़कर 220 हो जाएगी। अधिकारी स्पष्टीकरण दे रहे हैं, जयपुर का विस्तार हो गया है। शहर के आबकारी जोन भी 14 से बढ़कर 20 कर दिए गए हैं। ऎसे में 30 नई दुकानें खोलने की जरूरत है। वहीं, प्रदेश में अभी अंग्रेजी शराब की 1000 और देशी शराब की 6,660 दुकानें हैं।

घर व गार्डन में शराब पीना महंगा... आबकारी विभाग ने शादी व पार्टी के लिए एक दिवसीय ओकेजनल लाइसेंस लेने की फीस 5 से बढ़ाकर 10 हजार रूपए तथा निजी स्थल पर शराब परोसने के लिए ओकेजनल लाइसेंस की फीस 1000 से बढ़ाकर 2000 रूपए कर दी है।

नई नीति के 5 पहलू

1. आगामी वित्त वर्ष के लिए दुकानों की लॉटरी नए सिरे से। एक व्यक्ति को मिलेगी एक ही दुकान। 
2. 14 तक लिए जाएंगे आवेदन, 20 को होगी लॉटरी।
3. हैरिटेज होटल संचालकों को लाइसेंस फीस आधी से भी कम कर बड़ी राहत। 
4. अंग्रेजी शराब की दुकानों की फीस बढ़ाई। 
5. आगामी वित्त वर्ष के लिए आय का लक्ष्य 5250 करोड़ रूपए रखा।

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