नागर को राहत नहीं, जमानत याचिका खारिज
जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीके माथुर ने जमानत अर्जी खारिज की। इससे पहले जमानत याचिका पर गुरूवार को सुनवाई पूरी हो गई थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाने के लिए शुक्रवार की तारीख तय की थी। गौरतलब है कि पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर पर महिला ने सरकारी आवास में बलात्कार का आरोप लगाया था। निचली अदालत के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। मामले में मंत्री पर आरोप होने की वजह से जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने नागर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था।
जयपुर।
रेप के आरोप में जेल में बंद पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर को जोरदार झटका लगा है। अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। इसके चलते हाल फिलहाल नागर को अपने दिन जेल में ही काटने होंगे। नागर को 25 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीके माथुर ने जमानत अर्जी खारिज की। इससे पहले जमानत याचिका पर गुरूवार को सुनवाई पूरी हो गई थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाने के लिए शुक्रवार की तारीख तय की थी। गौरतलब है कि पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर पर महिला ने सरकारी आवास में बलात्कार का आरोप लगाया था। निचली अदालत के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। मामले में मंत्री पर आरोप होने की वजह से जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने नागर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था।
लगाई थी याचिका
इसके बाद अदालत ने नागर को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए थे। नागर ने निचली अदालत में जमानत याचिका दी थी, जो खारिज होने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में जमानत याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान नागर ने महिला से पुराने संबंध होने के साथ ही जबरदस्ती किए जाने से इंकार किया था। साथ ही पुलिस का सहयोग और लंबे समय से न्यायिक हिरासत का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। वहीं सीबीआई ने गवाहों को प्रभावित किए जाने की संभावना बताते हुए बिना सहमति संबंध को बलात्कार की श्रेणी रखते हुए जमानत का विरोध किया।
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