पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तीकरण सर्वोच्च प्राथमिकता : कटारिया

जयपुर, 10 जनवरी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने कहा है कि पंचायती राज संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण, वित्तीय सशक्तीकरण और विकेन्द्रीकरण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने शुक्रवार को पंचायती राज से जुड़ी योजनाओं की शासन सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वित्तीय शक्तियों के विकेन्द्रीकरण से समय पर निर्णय लिये जा सकते हैं तथा बेवजह विलम्ब नहीं होता। इसी को दृष्टिगत रखते हुए नियमों में संशोधन कर 2 लाख रुपये तक के विकास कार्य की वित्तीय स्वीकृति की शक्ति ग्राम पंचायत को दी जा रही है। अब तक ग्राम पंचायत एक लाख रुपये तक के कार्य की वित्तीय स्वीकृति देने के लिए सक्षम है। इसी प्रकार पंचायत समिति की वित्तीय स्वीकृति सीमा भी 5 लाख रुपये से बढ़ा कर 10 लाख रुपये की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं। इस कार्य में राज्य सरकार हर प्रकार की तकनीकी और प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराएगी। ग्रामीण क्षेत्र में गन्दे पानी की निकासी, नाली निर्माण, सामूहिक शौचालय के निर्माण तथा इनके उचित संधारण के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जायेगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने कहा है कि सामुदायिक परिसम्पत्तियों के निर्माण के साथ ही उनका उचित रख रखाव भी महत्वपूर्ण कार्य है तथा इसके लिए पर्याप्त वित्तीय राशि उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत हो रहे विकास कार्यों की निगरानी तथा फीड़बैक के लिए अधिकारी फील्ड में जाएं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं प्रथम चरण में संभागीय मुख्यालयों पर अधिकारियों की शीघ्र ही बैठक लेकर योजनाओं की समीक्षा करेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आगामी 15 व 16 जनवरी को जयपुर में सभी जिला परिषद् मुख्य कार्यकारियों की बैठक लेकर योजनाओं की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग से प्राप्त हिस्सा राशि का पंचायती राज संस्थाएं सही समय पर सदुपयोग कर सकें, इसके लिए उन्हें तकनीकी सहायता, मार्गदर्शन और मॉडल कार्यक्रम मुहैया कराये जायेंगे। गांवों के समग्र विकास के लिए विलेज मास्टर प्लान तैयार करवाये जा रहे हैं। राज्य में 10 हजार से अधिक आबादी के 100 गांव हैं। प्रथम चरण में इनके मास्टर प्लान तैयार करवा कर एक-एक करोड़ रुपये की बजटीय सहायता दी जा रही है। द्वितीय चरण में 10 हजार से कम आबादी वाले पंचायत समिति मुख्यालय तथा तहसील मुख्यालयों का मास्टर प्लान बनाया जायेगा। उन्होंने राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत निर्मित हो रहे ग्राम पंचायत भवनों तथा नाबार्ड के सहयोग से बन रहे किसान सेवा केन्द्र के निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने विभाग में खाली पड़े पदों को भरने तथा तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती में आ रही अड़चनों के बारे में भी विचार विमर्श किया। इससे पूर्व ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री श्रीमत् पाण्डे तथा शासन सचिव श्रीमती अपर्णा अरोरा ने विभागीय योजनाओं के लक्ष्यों तथा उपलब्धियों तथा 60 दिवसीय कार्य योजना के बारे में विभागीय अधिकारियों से सवाल जवाब किए।

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