हवा सर्द, गुनगुना रही धूप

हवा सर्द, गुनगुना रही धूप
जयपुर।
उत्तर पश्चिमी हवाओं ने धूप के असर को बेअसर करना शुरू कर दिया है। तापमान में आई गिरावट के चलते राजधानी में पिछले दो दिन में सर्दी बढ़ी है। न्यूनतम पारा 2.4 डिग्री तक गिरा है। उधर शुक्रवार को राजधानी में लोग दिनभर ऊनी कपड़ों में लिपटे रहे व देर रात अलाव तापते रहे। दिन का तापमान 0.3 डिग्री बढ़कर 27.7 डिग्री हो गया। वहीं रात का पारा 0.4 डिग्री गिरकर 9.8 डिग्री दर्ज किया गया। बढ़ती सर्दी से लोगों की दिनचर्या बदल गई है। मूंगफली, गजक और रेवड़ी की मांग बढ़ गई है।

माउण्ट आबू 3.6 डिग्री
मारवाड़-गोडवाड़ क्षेत्र में इन दिनों सर्दी का जोर बढ़ रहा है। पाली और जालोर में सुबह-शाम तेज सर्दी का एहसास होने लगा है। सीकर के फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री दर्ज किया गया। माउण्ट आबू का तापमान गिरकर 3.6 डिग्री पर पहुंच गया है। पाली में शुक्रवार को सुबह सर्दी का असर तेज रहा। सुबह कई स्थानों पर लोग अलाव तापते नजर आए। 
बाहरी इलाकों में धंुध छाई रही। सिरोही जिले में ठण्डी हवा चलने से सर्दी का असर तेज हो गया। तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। माउंट आबू में न्यूनतम तापमान 3.6 व अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भीलवाड़ा में सर्दी का जोर बढ़ने से लोग सुबह से ही गर्म कपड़ों में नजर आने लगे हैं। चित्तौड़गढ़ में न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मूंगफली व तिल के व्यंजन हुए महंगे 
सर्दी में मूंगफली, गजक और रेवड़ी की मांग बढ़ गई है, हालांकि इसकी कीमतों में आई तेजी से यह अब आम आदमी की पहुंच से बाहर होती दिख रही है। मूंगफली, गजक, रेवड़ी, दाल की पकौड़ी में कच्चे माल की कीमत में 5 से 15 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। 

पिछले वर्ष जहां गजक सामान्यतया 120 से 250 रूपए प्रतिकिलोग्राम थी, वहीं इस बार 180 से 320 रूपए प्रतिकिलोग्राम है। गजक व्यापारी रामस्वरूप मीणा बताते हैं कि तिल के व्यंजनों में इस बार नए व्यंजन भी बनाए गए है। जिनमें पिस्ता रेवड़ी व केसर रेवड़ी पहली बार बनाई है। 

इसकी कीमत 400 रूपए प्रतिकिलो है। इसी प्रकार चीनी काजू गजक, गुड़ काजू गजक, चमचम गजक, पिस्ता तिलस्करी, स्पेशल तिल लड्डू, गुड़तिल पपड़ी 320 रूपए प्रतिकिलो के भाव से बिक रही है। इनमें विशेषता है कि कम मीठे की है। 

इसके अलावा अन्य दुकानों पर गजक 200 से 250 रूपए किलो के भाव से बिक रही है। पिछले साल तिल जहां 90 से 115 रूपए प्रतिकिलोग्राम थे वहीं इस बार 200 से 220 रूपए प्रतिकिलोग्राम हो गए हैं। बाजार में सिकी हुई मूंगफली 100 से 120 रूपए प्रतिकिलोग्राम के भाव से बिक रही है। जबकि पिछले साल यह भाव 80 से 100 रूपए प्रतिकिलोग्राम था। हालांकि बिना सिकी मूंगफली के भाव कुछ कम हुए हैं। बाजार में 60 से 70 रूपए प्रतिकिलोग्राम बिक रही है। 

पिछले साल यह भाव 80 से 90 रूपए किलो रहा था। इसी प्रकार दाल की पकौड़ी जहां पिछले साल 80-100 रूपए प्रतिकिलोग्राम थी वहीं इस बार 100 -120 रूपए प्रतिकिलोग्राम भाव से बिक रही है। 

सभी रैन बसेरे अब तक नहीं बने

शहर में ठंड बढ़ रही है, लेकिन रैन बसेरे बनाने का काम पूरा नहीं हो पाया है। नगर निगम ने अब तक 22 रैन बसेरे बनाए हैं, जबकि शहर में इनकी संख्या तीस होनी है। ऎसे में फुटपाथ पर जीवनयापन करने वालों के लिए बढ़ती ठंड और रैन बसरों की सीमिति संख्या परेशानी का सबब बन सकती है। वहीं, तैयार किए गए रैन बसेरों में भी पूरी व्यवस्था नहीं हो पाई है। उधर, निगम अधिकारियों का दावा है कि बाकी रैन बसेरे में जल्द से जल्द बन जाएंगे। इसके लिए संबंधित ठेकेदार को निर्देश दे दिए गए हैं।


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