"सत्ता के लिए नहीं, मुद्दे के आधार पर दिल्ली में बनेगी सरकार"
नई दिल्ली। 
दिल्ली विधानसभा चुनाव के 8 दिसंबर को आए नतीजों के बाद सरकार बनाने की कवायद ठंडे बस्ते में जाने के बाद एक बार फिर संभावना दिखी है। आप पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने आज उपराज्यपाल से मिलकर दस दिनों का समय मांगा है। उपराज्यपाल से मिलने के बाद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सत्ता के लिए नहीं मुद्दों पर सरकार बनेगी। भाजपा और कांग्रेस द्वारा आप पार्टी को समर्थन देने वाली बात पर केजरीवाल ने कहा कि दोनों पारि्टयों की मंशा साफ नहीं है। सोनिया गांधी और राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर हमने दिल्ली के मुद्दों पर उनकी राय जानी है और राय आने के बाद 200-250 जनसभाएं की जाएंगी और जनता से पूछा जाएगा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर यह बोल रही है और भाजपा यह बोल रही है। अब आप तय करें कि आप पार्टी सरकार बनाए या फिर दोबारा से चुनाव हों। 
"सत्ता के लिए नहीं, मुद्दे के आधार पर दिल्ली में बनेगी सरकार"
भाजपा पर किया वार
केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि नतीजों के मुताबिक भाजपा 32 सीटों के साथ अकेली बड़ी पार्टी बनकर उभरी। जब उपराज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए बुलाया तो उन्होंने सरकार बनाने के लिए इंकार कर दिया। सरकार बनाने के लिए उनके पास चार सीटों की कमी थी। चार सीटें खरीदना भाजपा का बाएं हाथ का खेल है। भाजपा ऎसी पार्टी है जो कि आजतक न जाने कितने राज्यों में दूसरी पार्टी तोड़ती आई है और सांसदों और विधायकों को खरीदा है। भाजपा ने कहा कि वे लोग जोड़तोड़ की राजनीति में यकीन नहीं रखते। यह बड़ी आश्चर्य की बात है।


कांग्रेस और भाजपा की मंशा साफ नहीं
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस बिना समर्थन मांगे आप पार्टी को समर्थन देने लिए तैयार है। हमने पहले से ही तय कर रखा था कि हम समर्थन न देंगे और न लेंगे। देर रात कांग्रेस ने बिना शर्त के आधार पर समर्थन देने का पत्र उपराज्यपाल को दिया है। जिससे हमें आश्चर्य हुआ कि हमने तो समर्थन मांगा नहीं है फिर खुद ही समर्थन देने को क्यों तैयार हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों की समर्थन देने की मंशा साफ नहीं है। यह जनता के सामने आना चाहिए कि दोनों पारि्टयों के सपोर्ट करने के पीछे उनके क्या इरादे हैं। 

भाजपा की नियत तो साफ है कि एक तरफ भाजपा के बड़े नेता कहते है कि वे दिल्ली की जनता के लिए आप पार्टी को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। वहीं दूसरी ओर कहते हैं कि आप पार्टी जिम्मेदारी से भाग रही है। फिर कहते हैं आप पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना रही है। हमें कांग्रेस और भाजपा के लोगों की कोई जरूरत नहीं है। 


सोनिया और राजनाथ को लिखी चिट्ठी 
मीडिया से बातचीत के दौरान केजरीवाल ने कहा कि हमने सोनिया गांधी और राजनाथ को चिट्ठी लिखकर कहा है कि हमने तो आपसे समर्थन नहीं मागा था। आप पार्टी का जन्म ही कांग्रेस और भाजपा की भ्रष्ट राजनीति की वजह से हुआ है तो आप पार्टी इन दोनों पारि्टयों के साथ हाथ कैसे मिला सकती है। हम लोग सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आए हैं, दिल्ली में मुद्दों की सरकार बनेगी। हमने सोनिया गांधी और राजनाथ को चिट्ठी में दिल्ली के मुद्दे लिखे हैं और कहा कि आपकी इन मुद्दों पर क्या राय है। आपका क्या सोचना है। जब आपकी राय आएगी तभी हम लोग सरकार बनाने की सोचेंगे। इन मुद्दों में दिल्ली में वीआईपी कल्चर बंद, विधायक और पार्षद फंड बंद, जनलोकपाल बिल, दिल्ली को पूर्ण राज्य को दर्जा, बिजली कंपनियों का ऑडिट, पानी की समस्या, दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को आधिकारिक करना और दिल्ली में ेठेके के आधार पर कर्मचारी रखने की पर्था खत्म करने, शिक्षा, स्वास्थय, महिला सुरक्षा और न्याय व्यवस्था जैसे कई मुद्दों पर उनकी राय जानी है।

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