चारों तरफ नजर आया एक ही रंग, मृदुरेखा आरी के संग 

बाड़मेर। 
चुनावी षोर थमने से महज चंद घंटे पूर्व बाड़मेर की सबसे बड़ी चुनावी रैली ने बाड़मेर की राजनीति के अफवाहो को करारा झटका देते हुए चारों और मृदुरेखा की लहर छोड़ दी। षुक्रवार की रोज चुनावी प्रचार के आखरी पड़ाव पर बाड़मेर के मतदाता डाॅ मृदुरेखा की दाद देते नजर आए। जैसा कि पूर्व में की गई घोशणा के अनुसार डाॅ मृदुरेखा की इस महारेली में हजारों की संख्या में मतदाता षरीक हुए।
षुक्रवार की राोज बाड़मेर की राजनीति में उस समय भूचाल सा गया जब आरी का निषान लिए जनसैलाब सड़को पर उतर आया। बड़ी पार्टीयों की जीत का दम्भ भरने वाले लोग डाॅ मृदुरेखा के समर्थन में आयोजित महारेली को देखकर हतप्रभ रह गए । यही नहीं दबी जुबान में यह बात भी खुलकर सामने आने लगी कि यह गणित तो उलटा पड़ गया जबकि बात किसी और की चल रही थी और यहां जीत किसी और की होने वाली है। यही नहीं इस महारेले ने बाड़मेर की राजनीति को जड़ से हिला कर रख दिया । वहीं हर किसी की बातों की दुनिया को विराम देते हुए इस महारेली में षामिल हजारों मतदाताओं ने आममतदाताओं को एक दिसम्बर मतदान के दिन आरी के निषान पर मतदान कर जीत पकी करने का आहवान किया। 
बाड़मेर की राजनीति में इस ऐतिहासिक महारेली का आगाज डाॅ मृदुरेखा के आवास से हुआ यहां से रवाना होकर यह महारेली नेहरू नगर पुल से होते हुए अहिसा चैहारा, जैन पेटोल पम्प, चोहटन रोड़, षरणार्थी क्र्वाटर के आगे से होते हुए चैहटन फाटक के पास से जैन मौहल्ले में प्रवेष कर यह महारेली प्रतापजी की प्रोल के पास से होते हुए जैन न्याति नोहरे के आगे होते हुए पीपली बाजार, ढ़ाणी बाजार, आजाद चैक होते हुए सब्जी मण्डी, हनुमान मन्दिर के आगे से होते हुए गांधी चैक पहूंची । यहां से यह महारैली आगे बढ़ते हुए स्टेषन रोड़ होते हुए पुनः अहिंसा चैराहे होते हुए राजकीय चिकितसालय के आगे से हेाते हुए पुल के नीचे मडिकल मार्केट के आगे से गुजरी तथा नेहरू नगर रेलवे फाटक को पार कर यह रेली नेहरू नगर पहूंची। जहां से यह रेली बिना रूके महाविद्यालय के आगे से होकर सिणधरी चैराहे से होते हुए राजमार्ग पहूंची तथा यहीं से इस रेली का रूख पुनः डाॅ मृदुरेखा के आवास की और हो लिया । महारेली का यह कारवा डाॅ मृदुरेखा के आवास पर पहूंचते ही विषालजनसभा में तब्दील हो गई। जहां इस महारेली को सम्बोधित किया । और महारेली के माध्यम से परिवारवाद की पक्षधर बड़ी पार्टीयों को करारा जवाब देने पर आभार जताते आहवान किया कि इस उत्साह को एक दिसम्बर तक और भी अधिक बढ़ाए और मतदान केन्द्र पर अधिक से अधिक मतदाताओं को लाकर आरी के निषान पर मतदान करने के लिए पे्ररित करे।
इस महारेली के दौरान डाॅ मृदुरेखा अपने समर्थकों के साथ रैली में चली तथा बाड़मेर की अवाम का हाथ जोड़ कर अभिवादन करती रही। महारेली के दौरान जगह जगह आरी के समर्थको ने फूलमालाए पहना कर तो कहीं कही पुश्पगुच्छ देकर व पुश्पवर्शा करके जोरदार स्वागत किया। इस महारेली में महिला समर्थको के साथ सैकड़ों महिला मतदाता भी षामिल रही।
गौरतलब हैं कि दो रोज पहलंे भी डाॅ मृदुरेखा के पक्ष मंे निकली वाहन रैली ने बड़ी पार्टीयों के प्रत्याक्षियों की नींद उड़ा दी थी। वही इस रेली को भी देखकर आमजन आष्चर्यचकित नजर आया। एक निर्दलीय प्रत्याक्षी का इस तरह हजारों की तादात में रेली लेकर जनता के बीच आने से मतदाताओं के मानस को भी बदलने का काम किया हैं। रेली संयोजक सुरेन्द्र सिंह दईया व स्वरूप आचार्य ने बताया कि इस महा रेली के बाद जनता का बड़ी पार्टीयों के प्रति अंधविष्वास टूटने लगा हैं। अब बाड़मेर की जनता दिल से डाॅ मृदुरेखा के साथ जुड़ने लगी हैं। यही नही जनता का आरी से जुड़ाब आठ दिसम्बर को ऐतिहासिक फैसले के रूप में सामने आएगा। 

जारी रहा जनसभाओं का दौर 
षुक्रवार की रोज बाड़मेर की राजनीति मे चुनावी प्रचार का षोर थमने से पूर्व डाॅ मृदुरेखा चैधरी ने हरीजन बस्ती, वांकल माता मन्दिर, मीरासी छात्रावास के पास इन्दिरा काॅलोनी, गरल, सनावड़ा, जाखड़ों की ढ़ाणी सहित दर्जनभर स्थानों पर जनसभाओं का आयोजन कर 1 दिसम्बर को डाॅ मृदुरेखा के चुनाव चिन्ह आरी के निषान पर मतदान करने की अपील की। वहीं चुनाव रथ ने षहर भर में घूम घूम कर डाॅ मृदुरेखा के समर्थन में मतदान की अपील की। 

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