बाड़मेर की कई विधानसभा सीटो में भीतरघात की आशका 
विजय कुमार 
बाड़मेर
एक दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में बाड़मेर जिले में सातो विधानसभा सीटों में प्रमुख दल अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के दावे कर रही है लेकिन कई सीटो पर होने वाले भीतरघात के चलते दोनों ही पार्टियो की सांसे सांसत में आ रखी है। बाड़मेर जिले में सबसे ज्यादा भीतरघात होने की आशंका बाड़मेर, बायतु, शिव और सिवाना में है। 

ऐसा नही है कि यह भितरघात सत्ताधारी पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा बल्कि यह स्थिति भारतीय जनता पार्टी के लिए भी मुश्किलें बढ़ा रहा है। एक तरफ दोनों ही पार्टिया निर्दलीय प्रत्याशियों के बढ़ते जनधार से परेशान है तो दूसरी तरफ दोनों ही पार्टिया अब धीतरघात से खौफ खाये हुए है। जानकारो की माने तो काग्रेस में सात विधानसभा सीटो में अगर कई ज्यादा भीतरघात हो सकता है तो वह बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र है। राजनीतिक सूत्रों की माने तो बाड़मेर नगरपरिषद् की सभापति उषाजैन ने अपने चार साल के कार्यकाल में अपने ही पार्टी के विधायक मेवाराम जैन ने अपने ही समर्थको से न केवल सभापति के कार्य में रोड़े अटकाये बल्कि सभापति और उसके परिवार के खिलाफ फौजदारी मुकदमें भी दर्ज करवाये है। 

जिसका ताजा उदाहरण बीते दिनो हुई भाजपा प्रत्याशी डॉ प्रियंका चौधरी की समर्थन में रखी सभा जो बाड़मेर उद्यमी तनसिंह द्वारा रखी गई थी जिसमें सभापति उषा जैन के पुत्र उस सभा में दर्शक या विशिष्ट अतिथि बनकर नही गए बल्कि वहां पर आए गए लोगो की सेवा करते हुए नजर आए। राजनीतिक सूत्रो ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन के प्रचार-प्रसार में भी सभापति कम दिलचस्पी दिखा रहे है। और इससे माना जा रहा है कि पिछले चार सालो का दबा गुस्सा उषा जैन और उसके परिवार का अब बाहर निकलने वाला है। 

या फिर ऐसा कहा जा सकता है कि बाड़मेर विधानसभा से काग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन को भीतरघात की आशंका को नजरअंदाज नही किया जा सकता है। 

ऐसा ही हाल बाड़मेर के शिव विधानसभा में पूर्व सांसद मानवेन्द्रसिंह के साथ दौड़ रहे मुस्लिम समर्थको की तादात से हर किसी को आशंका है कि चुनाव के एक दो दिन पहले अल्पसंख्यकों के किसी भी फतवे या बड़े पेक्ट से यह लोग मानवेन्द्रसिंह के साथ भीतरघात कर सकते है और ऐसा ही आलम पूर्व सांसद और बायतु के विधायक कर्नल सोनाराम के साथ बायतु में हो सकता है। जानकारो कि माने तो उनके साथ अभी दौड़ रहे है उनके समर्थक उनके साथ भितरघात कर सकते है। 

जानकारो कि माने तो बायतु प्रधान सिमरथाराम इस दिनों बाड़मेर में मेवाराम जैन का चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे है जो की इस बात कि तरफ साफ संकेत करता है की वह इस बार वहां से कर्नल का साथ नही देना चाहते। पचपदरा विधानसभा से भी मौजूदा विधायक का विरोध और काग्रेस के अब्दुल खान का मैदान में उतरना उनके साथ भीतरघात का संकट दर्शा रहा है। 

जानकारो कि माने तो पचपदरा में मदन प्रजापत के समर्थक उनको दगा दे सके है। भारतीय जनता पार्टी के एक और उम्मीदवार तरुण राय कागा के साथ भी चौहटन में भीतरघात हो सकता है। 

जानकारो कि माने तो यहां से टिकट मांगने वाले भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष आदूराम इन दिनों बाड़मेर में ही नजर आ रहे है और उनके समर्थक भी खामोश नजर आ रहे है जिससे इस बात कि आशंका लगाई जा रही है कि कागा के साथ वहा भीतर घात हो सकता है। अब देखने वाली बात यह है कि बाड़मेर कि सातो विधानसभाओ में में कड़ी टक्कर नजर आ रहा है लेकिन उसके साथ भीतरघाट के चलते जीत किस प्रत्याशी की ओर ले जाती है ये देखने वाली बात होगी।

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