एक्जिट पोल पर कांग्रेस-बीजेपी में घमासान 
नई दिल्ली। 
ओपिनियन पोल या एक्जिट पोल के प्रकाशन को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में घमासान परवान चढ़ गया है। पोल के प्रकाशन पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के रूख का कांग्रेस ने जहां समर्थन किया है, वहीं भाजपा ने इस पर कांग्रेस पर हमला बोला है और कहा है कि चुनावी सर्वेक्षणों पर रोक लगाना न तो संवैधानिक है और न ही उचित, क्योंकि लोकतंत्र में यह वाक की मौलिक स्वतंत्रता ही हिस्सा है।
दूसरी ओर अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती ने सरकार को सलाह दी है कि चुनाव या जनमत सर्वेक्षणों पर प्रतिबंध लगाया जान चाहिए। वाहनवती के इस सुझाव पर सियासी गलियारे में चुनाव सर्वेक्षणों के पक्ष और विपक्ष में गोलबंदी-मोर्चाबंदी के साथ ही अपने-अपने पिच के हिसाब से राजनीतिक "बल्लेबाजी" तेज हो गई है। 
भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने कहा है कि चुनाव सर्वेक्षणों पर रोक संवैधानिक नहीं होगा, क्योंकि यह वाक की स्वतंत्रता का ही हिस्सा है। वहीं कांग्रेस की लाइन पर बसपा, सपा, द्रमुक और अकाली दल भी चुनाव सर्वेक्षणों पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं। उल्लेखनीय है कि अकाली दल भाजपानीत राजग में शामिल है। संप्रग सरकार में शामिल राकांप ने प्रतिबंध का विरोध किया है लेकिन नियामक बनाने की बात कही है। इसी तरह माकपा, भाकपा ने भी नियामक बनाने की बात कही है।
यह है चुनाव आयोग का कदम

निर्वाचन आयोग ने 21 अक्टूबर को सभी दलों को एक पत्र लिखा था, जिसमें उनसे चुनाव सर्वेक्षणों पर राय मांगी है। कांग्रेस ने 30 अक्टूबर को आयोग के पत्र के जवाब में अपना पत्र भेजा, जिसमें इस पर रोक लगाने की मांग की गई है। कांग्रेस की विधिक इकाई का मानना है कि ओपिनियन पोल का गलत इस्तेमाल हो सकता है, क्योंकि वे विश्वसनीय और वैज्ञानिक नहीं होते हैं।

भ्रम पैदा करते हैं : अल्वी

ओपिनियन पोल पर पाबंदी लगाने का फैसला निर्वाचन आयोग का है और हमने इसका केवल समर्थन किया है। ओपिनियन पोल में अलग-अलग रूझान बताते हैं जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है और लोग गुमराह होते हैं। सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर इस मसले को देखना चाहिए। - राशिद अल्वी, नेता, कांग्रेस

भाजपा का पलटवार,किसने क्या कहा

चुनाव सर्वेक्षणों या जनमत सर्वेक्षणों पर प्रतिबंध लगाना न तो संवैधानिक होगा और न ही कानूनी दृष्टि से उचित होगा, क्योंकि यह वाक या भाष्ाण की स्वतंत्रता के अधिकार का ही अंग है। किसी के मांग करने से ही इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।- अरूण जेटली, वरिष्ठ नेता, भाजपा

कांग्रेस संदेश देने वाले को नष्ट कर सकती है, संदेश को नहीं। कांग्रेस पार्टी को यह समझने की जरूरत है कि संदेश देने वाले को मारकर भी संदेश नष्ट नहीं किया जा सकता। आज वे चाहते हैं कि ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लग जाए। कल वे विपक्ष की सभी बैठकों पर रोक लगा देंगे। कांग्रेस की अक्षमता का पता सभी को चल गया है। - मुख्तार अब्बास नकवी, उपाध्यक्ष, कांग्रेस

हम चुनाव आयोग के चुनाव के दौरान मतदान सर्वेक्षणों पर रोक लगाने के विचार का समर्थन करते हैं, क्योंकि यह वैज्ञानिक नहीं होता है। इस तरह के सर्वेक्षण सटीक और पारदर्शी नहीं होते हैं। -केसी मित्तल, सचिव, कांग्रेस के मानवाधिकार एवं कानून विभाग

चुनाव के दौरान जनमत सर्वेक्षण वास्तव में वैज्ञानिक नहीं हैं, क्योंकि इसमें पारदर्शिता बिलकुल नहीं होती है। पैसा देकर कोई भी सर्वेक्षण करा सकता है। सर्वेक्षकों का भी कोई नियमन नहीं है। इसे मजाक बना दिया गया है। मध्यप्रदेश जैसे रा"य में जहंा 3 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, वहां 2800 लोगों के आधार पर जनमत सर्वेक्षण हो रहे हैं।- दिग्विजय सिंह, महासचिव कांग्रेस

जनमत सर्वे या जनमत संग्रह लंबे समय से हो रहे हैं। अब कांग्रेस इस पर प्रतिबंध चाहती है, क्योंकि ये उसके पक्ष में नहीं जा रहे हैं। इससे पहले कई अवसरों पर कांगेस इसका समर्थन कर चुकी है। मैं नहीं समझता कि जनमत सर्वेक्षणों पर प्रतिबंध की जरूरत है।- राजीव प्रताप रूडी, नेता, भाजपा

जनमत सर्वेक्षणों पर कांग्रेस की चिंता वाजिब है, क्योंकि हर सर्वे उसके खिलाफ जा रहा है। इसलिए वह इस पर प्रतिबंध लगाना चाहती है।-डी. राजा, भाकपा 

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