सचिन को "महाविदाई" के साथ "भारत रत्न"
नई दिल्ली/मुंबई। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने 24 साल के बेमिसाल करियर को अपने 200वें टेस्ट में यादगार जीत और उसके कुछ देर बाद देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" मिलने की घोषणा के साथ अलविदा कह दिया। क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन को मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में टीम इंडिया ने उनके 200वें टेस्ट में वेस्ट इंडीज के खिलाफ पारी और 126 रन की शानदार जीत तथा 2-0 की क्लीन स्वीप के साथ यादगार विदाई दी। 
Sachin Tendulkar

सचिन के अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद पूरा देश भावुकता के सागर में डूबा हुआ था कि सरकार ने घोषणा की कि सचिन को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" प्रदान किया जाएगा। रिकार्डो के बेताज बादशाह के लिए कुछ घंटों के अंदर यह दूसरा भावुक पल था। वह देश के पहले खिलाड़ी "भारत रत्न" और यह पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र की शख्सियत बन गए। हैं। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी को सबसे कम आयु में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। सचिन की क्रिकेट से विदाई इस तरह एक महानायक की महाविदाई बन गई और हमेशा के लिए इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गई।

सचिन के अलावा प्रोफेसर सीएनआर राव को भी "भारत रत्न" दिया जाएगा। एक लंबे अर्से से सचिन तेंदुलकर को "भारत रत्न" दिए जाने की मांग उठ रही थी। सचिन को भारत रत्न देने के लिए "भारत रत्न" देने के नियमों में बदलाव किया गया है। इससे पहले केवल कला, साहित्य, संस्कृति और राजनीति जैसे क्षेत्रों में भारत रत्न दिया जाता रहा है।

देश में अब तक 43 भारत रत्न विजेताओं में सचिन महाराष्ट्र से यह सम्मान पाने वाले नौंवें व्यक्ति हैं। इसके साथ ही सचिन देश के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, वैज्ञानिकों एवं कलाकारों के उस विशिष्ट मंडल में शामिल हो गए, जिन्हें अब तक इस सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

राजीव गांधी को मरणोपरांत 47 वर्ष की अवस्था में भारत रत्न प्रदान किया गया, जबकि सचिन को यह सम्मान 40 वर्ष की आयु में ही मिल गया।

महाराष्ट्र से अब तक भारतीय संविधान के जनक बी. आर. अम्बेडकर, विनोबा भावे, मोरारजी देसाई, पांडुरंग वामन काणे, धोंडो केशव कर्वे, लता मंगेशकर. जे. आर. डी. टाटा और भीमसेन जोशी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। ये सभी या तो महाराष्ट्र में जन्मे या उन्होंने महाराष्ट्र को अपनी कर्मस्थली बना लिया।

इसी क्रम में अब सचिन का नाम भी जुड़ गया है। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भी भारत रत्न दिए जाने की मांग की जा रही है। सचिन ने भारत रत्न का सम्मान अपनी मां को समर्पित किया है। सचिन चौथे ऎसे भारतीय होंगे, जिन्हें जीते जी यह सम्मान मिलने जा रहा है। सचिन से पहले यह सम्मान लता मंगेशकर, एपीजे अब्दुल कलाम और अमर्त्य सेन को उनके जीवित रहते मिल चुका है।

अधिसूचना में भारत सरकार की ओर से कहा गया कि सचिन तेंदुलकर निस्संदेह असधारण क्रिकेटर हैं। वे दुनिया भर के करोड़ों लोगों के प्रेरणा स्त्रोत हैं। 24 साल के कॅरियर के दौरान 16 वर्ष की उम्र से ही वे दुनिया भर में खेले और देश का नाम रोशन किया। क्रिकेट में उनका योगदान अतुलनीय है।

कुछ ही दिन पहले सचिन की फैन स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने मास्टर ब्लास्टर को "भारत रत्न" देने की मांग की थी। लता ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सचिन ने दुनिया के सामने भारत का मान बढ़ाया है। जितने कम समय में सचिन ने इस मुकाम को हासिल किया है शायद ही कोई यह मुकाम प्राप्त कर सकेगा।

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