जोधपुर।
नाबालिग छात्रा से यौन दुराचार प्रकरण में दो महीने से जोधपुर सेन्ट्रल जेल में बंद आसाराम तथा उनके सभी गिरफ्तार सहयोगियों के खिलाफ बुधवार को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी गई। जोधपुर पुलिस ने 1111 पेज की चार्जशीट में आसाराम को कई धाराओं में आरोपी बनाया है। चार्जशीट के हिसाब से आसाराम को कम से कम दस वर्ष और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा दिलाने की तैयारी की गईहै। चार्जशीट पेश होने के बाद सुनवाई 16 नवंबर तक टाल दी गई। इस मामले में अगली सुनवाई भी 16 नवंबर को ही होगी।
क्या है चार्जशीट में
जोधपुर पुलिस ने कोर्ट मे पेश की चार्जशीट में 58 गवाहों के बयान और 121 साक्ष्य शामिल किए हैं। चार्जशीट के 22 मुख्य पृष्ठ है। इसमें आसाराम और उसके सहयोगियों पर समान धाराएं लगाई गई है। आसाराम के सहयोगियों पर पोक्सो की 17 नंबर धारा अतिरिक्त लगाई गई है। पुलिस ने चार्जशीट में बताया कि आसाराम पर लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए हैं और वह इन मामलों में दोषी है। चार्जशीट में पांचोंआरोपियों के खिलाफ धारा 342, 370, 376, 504, 506 तथा पोक्सो 5, 6 एवं 7 में मामले दर्ज किए गए हैं। इसके लिए पुलिस ने कई महत्वपूर्ण व पुख्ता साक्ष्य भी जुटाए हैं। न्यायिक अभिरक्षा अवधि समाप्त होने के बाद बुधवार को आसाराम को कोर्ट में पेश करने के दौरान ही यह चार्जशीट पेश की गई।
अनुसंधान अधिकारी एसीपी (पश्चिम) चंचल मिश्रा ने कहाकि जांच के बाद आसाराम को धर्मगुरू के रूप में विश्वास करने वाला व्यक्ति होते हुए भी दुष्कृत्य करने का दोषी माना है। इस कृत्य के लिए छात्रा को बीमारी के बहाने गुरूकुल से दिल्ली होते हुए जोधपुर में आसाराम के पास लाया गया। इस साजिश में संस्था के सदस्यों ने सहयोग किया। इसलिए सामूहिक दुष्कर्म की धारा भी जोड़ी गई है। आसाराम सूरत में एक अन्य महिला के देहशोषण के आरोपों से भी घिरे हैं।
16 नवंबर तक भेजा जेल में
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तारीख निश्चित की है जिसकेचलते आसाराम को 16 नवंबर तक जेल में रहना होगा।
साजिशकर्ताओं के भी आरोप तय
पुलिस ने छिंदवाड़ा स्थित गुरूकुल के निदेशक शरदचन्द्र, छात्रावास वार्डन शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता, मुख्य सेवादार शिवा व रसोइए प्रकाश को साजिश में सह-आरोपी माना है। न्यायिक अभिरक्षा अवधि समाप्त होने के बाद आसाराम, शिल्पी, शरदचन्द्र, शिवा व रसोइए प्रकाश को बुधवार को जिला एवं सेशन न्यायालय, जोधपुर जिला में पेश किया जाएगा।
चार्जशीट पर नजर
एक हजार से अधिक पृष्ठ की चार्जशीट।
140 गवाह व साक्ष्य।
मुख्य आरोपी आसाराम तथा शिवा, शिल्पी, शरदचन्द्र व प्रकाश सह-आरोपी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से 77 दिन चला अनुसंधान। सभी सहयोगी अपराधियों पर चलेगा 120 (बी) तथा पोक्सो के तहत चलेगा मुकदमा।
31 अगस्त को इंदौर आश्रम से आसाराम गिरफ्तार।
2 सितम्बर को जेल भेजे गए।
क्या सजा हो सकती है इन धाराओं में
धारा 354 ए के तहत छेड़छाड़ का आरोप लगा है जिसके तहत 3 साल तक की सजा मुमकिन है।
धारा 376 यानि गलत मंशा से छूना इसके तहत 10 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है। ढढ्क्कष्ट की धारा 342 यानि बंधक बनाकर रखना इसके लिए साल भर की सजा हो सकती है। धारा 370 बंधक बनाकर शारीरिक संबंध बनाना, इसके लिए 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा मुमकिन है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें