भारत ही नहीं, विदेशों में भी मनायी जाती है दीवाली
- अनिता महेचा
जैसलमेर
भारतीय लोक संस्कृति त्योहारों और पर्वों के उल्लास के साथ ही देषवासियांे की प्रकृति आराधना और उत्सवी पे्रम की परिचायक है। हमारे लोक जीवन में दीपावली एक विषिष्ट एवं महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। लोक मंगल का पर्व दीपावली का त्योहार भारत तो क्या अन्य देषों में भी बड़ी धूम-धाम व आस्था के साथ मनाया जाता है। इसके मनाये जाने का तरीका अवष्य पृथक-पृथक है लेकिन अंधेरों से निकल कर रोशनी के आवाहन का पैगाम सभी स्थानों पर एक जैसा ही है। यह पर्व षान्ति, सुख-समृद्धि, स्नेह व उलास का प्रतीक है।

हर जगह अलग-अलग अंदाजों में मनती है दीवाली

भारत की तरह ही फिजी, सूरीनाम, गयाना, त्रिनीदाद तथा मोरीशस में रहने वाले भारतीय इस पर्व को बडे हर्षोल्लास तथा ठाठ-बाट के साथ मनाते हैं। केवल सुरीनाम में यह कुछ अलग ढंग से मनाया जाता है। इस दिन वहां के लोग लक्ष्मी और विष्णु की प्रतिमा की पूजा-अर्चना जोषो खरोष के साथ करते हुए मषाल जुलूस निकालते हंै। इस दिन वहां पर सार्वजनिक अवकाष रहता है।

चीन में यह मनता है नेई महुआ नाम से

चीन में दीपावली का पर्व मनाने एक अलग ही अंदाज है। वहां इस त्योहार को नेई महुआ नाम से सम्बोधित किया जाता है। इस पर्व के आने से बहुत पहले ही वहां के लोग घरांे की साफ-सफाई करके मकानां का आकर्षक ढंग से सजाना संवारना प्रारम्भ कर देते है।

रंग-बिरंगे कागजों के द्वारा मुख्य द्वार, दीवारंे तथा पूजा स्थल सजाये जाते हंै। नेई महुआ के दिन मुख्य द्वार के दोनांे तरफ कागज की बनी मानव आकृतियां चिपकायी जाती हंै। दोनो और बनी ये आकृतियां अनिष्टकारी प्रभावों को रोकने की प्रतीक हैं।

लोक जीवन डूबा होता है जश्न में

नेई महुआ उत्सव के दूसरे दिन से चीन मे नये साल का प्रारंभ होना माना जाता है और इसी दिन से व्यापारी वर्ग बही खाते रखना षुरू कर देते हंै। श्री लंका में दीपावली का पर्व राष्ट्रीय उत्सव के रूप में बडे़ धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।

वहां रात्रि में घरों की छतांे को नन्हे-नन्हे दीपकों की पंक्तियांे से तथा विद्युतीय बल्बांे की रोषनी से रोषन किया जाता है। धूम-धडाके के साथ आतिषबाजी की जाती है। लोग एक-दूसरे को षुभकामनाएं देने उनके घर पर जाते हंै, जहांष्षक्कर की बनी विभिन्न पषु-पक्षियांे के आकृतियांे वाली मिठाइयों से नाष्ता करवाया जाता है।

नेपाल की दीवाली बड़ी मनोहारी

पड़ोसी देष नेपाल मे दीवाली का त्योहार बडे उत्साह उमंग के साथ मनाया जाता है। ज्योति पर्व के अवसर पर रात्रि में रंग बिरंगी आतिषबाजी के द्वारा सुन्दर दृष्य इंद्रधनुषी चक्का, आवाज करता मोर दुधिया सफेद चादर का झरना, गुलाब का फूल, हरी, पीली, लाल, बैंगनी, सफेद रंगांे में मिश्रित यह दृष्यावली अपने आप नयनाभिराम होती है।

जर्मनी में सेहत का पर्व है यह

जर्मनी में ऋतु परिर्वतन के कारण उत्पन्न हुए रोगों से छुटकारा पाने के लिए बुरी ताकतांे से बचने के लिए आतिषबाजी कर दीप प्रज्वलित किये जाते हंै। लोग एक दूसरे के स्वस्थ एवं निरोगी होने की कामना के साथ ही उनके दीर्घायु जीवन की अभिलाषा करते हैं। विश्व के विभिन्न हिस्सों में इसी प्रकार मनोहारी ढंग से दीवाली का पर्व मनाया जाता है।

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