सोने की चम्मच वाले क्या जानें गरीबी: मोदी 
कानपुर। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के खिलाफ देश भर में गुस्सा है, महंगाई पर कांग्रेस ने वादाखिलाफी की है। महंगाई से गरीब परेशान है।
उन गुनाहागारों में से कुछ यूपी में भी बैठे हैं। उन्होंने यूपी के कानपुर से पार्टी के चुनावी अभियान का आगाज करते हुए कहा कि लाखों लोगों की आवाज दिल्ली तक गूंजनी चाहिए। 
मोदी ने अपने गरीबी के दिनों का उदाहरण देते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि जब कोई गरीबी का मजाक उड़ाता है तो मुझे बहुत गुस्सा आता है।
शहजादे कहते है कि गरीबी कुछ नहीं होती। मेरी पैदाइश गरीबी में हुई है। सोने के चम्मच वाले गरीबी क्या जानें, वे भीड़ लेकर गरीबी देखने जाते हैं। मोदी ने कहा कि कांग्रेस अहंकार में जी रही है।
इनको जनता के दुख दर्द से कोई लेना देना नहीं है। अब जनता को चाहिए कि इन्हें चुनाव में ऎसी सजा दे ताकि भविष्य में कोई जनता से धोखा करने की हिम्मत भी न कर सके।
मोदी ने यूपी में बसपा, सपा और कांग्रेस को तिकड़मी करार देते हुए कहा कि इस तिकड़ी ने देश के विकास को ग्रहण लगा दिया है। इसी तिकड़ी ने यूपी की इज्जत को मिट्टी में मिलाया।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस जहां भी गई बंटवारा हुआ। कांग्रेस के खून में बंटवारे की नीति है। हम जोड़ने की राजनीति करना चाहते हैं। अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था चौपट है।
देश को अब तक आठ प्रधानमंत्री देने वाले इस प्रदेश से लोगों का पलायन होता है। यहां महज एक साल में पांच हजार बेकसूर लोगों की हत्या हुई है।
मोदी कोयला घोटाले पर सरकार की कार्यप्रणाली का उपहास बनाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार कितनी बेशर्म है कि सुप्रीमकोर्ट में यहां तक कह देती हैं की फाइलें गुम हो गई, अरे मैं तो कहता हूं कि दिल्ली में तो सरकार ही गुम हो गई है।
इससे पहले कल्याणपुर क्षेत्र में इन्दिरानगर के उन्नयन पार्क में हो रही रैली पहुंचते ही मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। मोदी के नाम के जयकारों से सभा स्थल गूंज उठा। भारी संख्या में जुटे लोग हाथों में मोदी के चित्र व बैनर थामे हवा में लहराने लगे।
अपने स्वागत से अविभूत मोदी ने कहा कि आप लोगों ने मेरा दिल जीत लिया है। जिस तरह मेरा स्वागत किया वह अभिनंदनीय है। ये जयकारे देश को बर्बाद करने वालों को करारा जवाब है। 
प्र्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद मोदी और अध्यक्ष बनने के बाद सिंह की राजनीतिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में पहली रैली है।
इस राज्य में लोकसभा की 80 सीटें हैं। दरअसल मिशन 2014 के लिए भाजपा के एजेंडे में उत्तरप्रदेश सर्वोपरि है। पार्टी को इस प्रदेश से काफी सफलता की उम्मीदें हैं। मोदी ने लगभग साढ़े चार साल बाद प्रदेश में कदम रखा है। 
उम्मीद जताई जा रही है कि यहां वे प्रदेश के भावी राजनीतिक रोडमैप का खुलासा करेंगे, जिसके कारण उनकी रैली पर सत्ताधारी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस की नजरें जमी हुई हैं।
भाजपा की पहली चुनावी रैली होने के नाते इसका नाम विजय शंखनाद रैली रखा है। यही नाम प्रदेश में होने वाली सभी आठों रैलियों का भी रखा गया है। 
सपा के गढ़ में सेंध की कोशिश
रैली कानपुर में इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, फर्रूखाबाद, औरैय्या और कानपुर देहात के भाजपा कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। इलाके की 4 लोकसभा सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं और दो पर कांग्रेस का कब्जा है। प्रदेश अध्यक्ष ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि कानपुर क्षेत्र में एक भी सीट भाजपा के खाते में नहीं है और यह क्षेत्र सपा का गढ़ भी माना जाता है। उन्होंने कहा कि इसलिए नरेन्द्र मोदी की रैली कानपुर से शुरू की जिससे भाजपा इस इलाके में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर सके।
तीन मंच, सबसे ऊंचे पर मोदी
मोदी की सुरक्षा को ध्यान में रखकर मंच का निर्माण किया गया। तीन मंच बनाए गए जिसमें बीच का मंच एक सौ फुट लम्बा, तीस फुट चौड़ा और दस फीट ऊंचा बनाया गया जिस पर मोदी और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ दस-बारह राष्ट्रीय नेता को ही मौजूद रहे। मुख्य मंच के बायीं तरफ 40 गुणे 30 फुट और दाहिनी तरफ 30 गुणे 30 फुट का मंच बनेगा। इन दोनों की ऊंचाई आठ-आठ फीट रहेगी। इन मंचों पर प्रदेश और जिले के नेता मौजूद थे।
 
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