दो दिन बाद उठाया शव
बाड़मेर। स्थानीय निजी नर्सिग होम डीएचटी में गुरूवार अलसुबह इलाज के दौरान कथित लापरवाही के चलते विवाहिता की मौत को लेकर दो दिन से चल रहा हंगामा शुक्रवार शाम परिजनों के शव उठाने के बाद शांत हुआ। दो दिन की समझाइश के बाद मामले की जांच के लिए चिकित्सक टीम गठित करने दोष्ाी पाए जाने पर कार्रवाई करने का आश्वासन मिला तब जाकर विवाहिता का शव उठाया गया। बाबूलाल निवासी तारातरा ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी पत्नी श्रीमती लूणीदेवी को इलाज के लिए डीएचटी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया।
डॉ. विकास चौधरी ने एक दिन भर्ती रखने की बात कही। रात्रि बारह बजे अचानक तबीयत खराब हो गई। नर्सिग स्टाफ को जानकारी देते हुए चिकित्सक को बुलाने की बात परिजनों ने कही,लेकिन नर्सिगकर्मियों ने चिकित्सक को नहीं बुलाया। तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो चिकित्सक को बुलाया गया, लेकिन वह तीन घण्टे बाद पहुंचा। इसके बाद लूणीदेवी को इंजेक्शन लगा ऑक्सीजन चढ़ा कर छोड़ दिया। अल सुबह पौने छह बजे लूणीदेवी की मृत्यु हो गई। इसके बाद परिजन और दर्जी समाज के लोग अस्पताल के समक्ष एकत्रित हो गए और प्रदर्शन करने लगे। समझाइश के बाद भी वे नहीं माने।
शुक्रवार पूरे दिन समझाइश का दौर चला। इस दौरान कई दौर की वार्ता के बाद परिजन इस शर्त पर शव उठाने को तैयार हुए कि जांच टीम गठित की जाएगी जो मामले की जांच करेगी। दोष्ाी पाए जाने पर कार्रवाई की जाए। इसके बाद शाम पांच बजे शव उठाया गया। इससे पहले शुक्रवार को दर्जी समाज के अशोक पाष्ाüद, दौलत दईया, मोहनलाल, किशनलाल गोयल आदि के नेतृत्व में समाज ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर इलाज में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक व नर्सिगकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इससे पहले शव का पोस्टमार्टम किया।
दुकानें बंद रखी
चौहटन. इलाज में लापरवाही को लेकर महिला की मौत के बाद न्याय एवं उचित जांच की मांग को लेकर चौहटन में दर्जी समाज ने अपनी दुकाने बंद रखी तथा विरोध जताया। पीपा क्षत्रिय दर्जी समाज के लोगो ने दुकाने पूरे दिन बंद रखी। बाद में दर्जनों दर्जी समाज के लोग बाड़मेर के लिए रवाना हुए।

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