मोदी पर बरसे नीतीश, उड़ाई खिल्ली 
पटना। 
हुंकार रैली में नरेन्द्र मोदी के भाषण का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के चिंतन शिविर में खूब भड़ास निकाली।
नीतीश ने मोदी के कई झूठ एक-एक कर गिनाए और कहा कि ऊंचे पद पर बैठने वाले को गंभीर और धैर्यवान होना चाहिए। उन्होंने मोदी का नाम लिए बिना कहा कि प्रधानमंत्री बनने का सपना, सपना ही रह जाएगा।
उन्होंने कहा कि लाल किले पर पहुंचने का सपना कभी पूरा होने वाला नहीं है। चिंतन शिविर के समापन सत्र में बोलते हुए नीतीश ने कहा कि हुंकार रैली नाम दिया गया, जिसका मतलब दंभ के साथ ऊंचे स्वर में बोलना होता है।
हुंकार से अहंकार की गंध आती है। रैली में चुन-चुन कर साफ करेंगे की बात कही गई। साफ करना तो फासीवाद है। यह लोकतंत्र में नहीं चलता। अब सांप्रदायिकता के साथ-साथ फासीवाद का भी दौर शुरू हो गया है। इस चुनौती का बड़े धैर्य से सामना करना होगा।
लोकतंत्र में चुनाव में विरोधियों से सामना होता है। नीतीश ने कहा कि अवसरवादी हम नहीं भाजपा है। हम तो इस्तीफा देने को तैयार थे। 2010 के चुनाव में ही हम अलग होने को तैयार थे पर भाजपा नेताओं ने तब अवसरवादिता दिखाते हुए दबाव बनाया कि अकेले लड़ने से काम नहीं चलेगा।
उन्होंने कहा कि कोसी आपदा के वक्त पांच करोड़ की सहायता गुजरात से मिली और इसका खूब प्रचार भी किया गया। दान देकर बखन नहीं किया जाता। सहायता राशि लौटा दी गई तो गुजरात सरकार ने उसे रख भी लिया।

नीतीश ने कहा कि हमें भी विरासत में राजनीति नहीं मिली। हम भी साधारण किसान परिवार से आते हैं। उन्होंने भी बताया कि पिताजी वैद्य थे और उनके साथ बैठकर वह भी दवा की पुडिया बनाते थे।

नीतीश ने चुटकी ली की कृष्ण को यदुवंशी बताकर उन्हें भी जाति की सीमा में बांध दिया गया। उन्होंने कहा जेपी को हमने कब छोड़ा, छोड़ने की तुकबंदी तो उन्होंने की।

नीतीश ने मोदी के भाषणों में दिए गए वक्तव्यों को एक-एक कर बताया और झूठ गिनाए। कहा कि हमें गुजरात में किसी ने मिठाई नहीं खिलाई। हम तो बिहार के एक जज के घर शादी में गए थे। वहां तो सभी मेहमान थे।

प्रधानमंत्री की टेबल पर कभी साथ खाने नहीं बैठे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तक्षशिला को रैली में बिहार के अंदर बताया गया जो गलत है। सिकंदर तो कभी गंगा नदी तक पहुंच ही नहीं पाया। इसी तरह चन्द्रगुप्त को गुप्तवंश का बताया जो वास्तव में मौर्यवंश के थे।

उन्होंने सवाल किए कि हमने लोहिया की पीठ में कब खंजर भोंका, गैर कांग्रेसवाद का अभियान तो भाजपा ने खंडित किया। अवसरवादी और विश्वासघाती तो भाजपा है। हम तो जनता से किए गए वादे निभाने में दिन-रात लगे हैं। नीतीश ने कार्यकर्ताओं का हर चुनौती का मुकाबला डटकर करने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।

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