किसानों से खेती-बाड़ी में नवाचारों और उद्यानिकी पर जोर देने का आह्वान
प्रतापगढ़, 21 सितंबर/केन्द्रीय आवास एवं गरीबी उपशमन मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने कृषि एवं पशुपालन को सामाजिक एवं आर्थिक समृद्धि का मूलाधार बताया है और किसानों से परंपरागत फसलों के साथ ही उद्यानिकी पर ध्यान दिए जाने और खेती-बाड़ी में नवीनतम वैज्ञानिक तौर तरीकों के प्रति जागरुक रहने का आह्वान किया है।
केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने शनिवार को प्रतापगढ़-मंदसौर मार्ग पर बसाड़ फार्म स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में वाले प्रशासनिक भवन के शिलान्यास समारोह में मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए क्षेत्र भर से आए किसानों व ग्रामीणों से यह आह्वान किया। समारोह की अध्यक्षता महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर डॉ. ओ.पी. गिल ने की जबकि जिला कलक्टर रतन लाहोटी विशिष्ट अतिथि थे।
डेढ़ करोड़ की लागत से बनेगा बहुद्देशीय भवन
कृषि विज्ञान केन्द्र के इस फार्म पर 550 मीटर वर्ग मीटर क्षेत्र में डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस प्रशासनिक भवन के लिए डॉ. गिरिजा व्यास ने महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर डॉ. ओ.पी. गिल तथा जिला कलक्टर रतन लाहोटी एवं अन्य अतिथियों की मौजूदगी में भूमि पूजन किया, आधारशिला रखी तथा शिलान्यास पट्टिका का अनावरण किया।
इस मौके पर डॉ. गिरिजा व्यास ने कृषि विज्ञान केन्द्र के अनुसंधानों, प्रयोगों तथा उन्नत बीजों व कृषि क्षेत्र के बहुआयामी विकास पर केन्दि्रत प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
पूरी जागरुकता से लें योजनाओं का लाभ
समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय आवास एवं गरीबी उपशमन मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की कृषि विकास एवं किसानों के उत्थान के लिए संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों पर पर प्रकाश डाला व किसानों से कहा कि वे इनके प्रति जागरुक रहेें और पूरा-पूरा लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि सरकार किसानोें के प्रति संवेदनशील है और खाद-बीज मुहैया कराने से लेकर समर्थन मूल्य पर उपज खरीद तथा किसानों के कल्याण की दिशा में हमेशा आगे रही है।
ऊर्वरा भूमि का पूर्ण सदुपयोग करें
केन्द्रीय मंत्री ने किसानों से कहा कि वे पशुधन का पूरा उपयोग करते हुए स्थानीय स्तर पर खाद के उत्पादन की सारी संभावनाओं को पूरी करें। इसके साथ ही सोना उगलने वाली काली मिट्टी वाली उपजाऊ जमीन का फायदा लेते हुए अन्य फसलों के साथ ही उद्यानिकी पर अधिक से अधिक ध्यान दें।
डॉ. गिरिजा व्यास ने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. ओ.पी. गिल की सराहना की और उन्हें कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं प्रेरक भागीदारी के लिए बधाई दी और कहा कि उनके नेतृत्व में प्रदेश को कृषि विकास के क्षेत्र में नई दिशा मिली है।
जिला कलक्टर रतन लाहोटी ने कृषि क्षेत्र विकास की व्यापक संभावनाओं को रेखांकित करने वाले इस केन्द्र की गतिविधियों को शुभ संकेत बताया।
कुलपति डॉ. गिल ने दी जानकारी
आरंभ में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर डॉ. ओ.पी. गिल ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए बताया कि 23.94 हेक्टर क्षेत्र में पसरा प्रतापगढ़ का यह केन्द्र प्रशिक्षण का आदर्श केन्द्र होगा जहां आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रशिक्षण कक्ष, मृदा एवं जल परीक्षण प्रयोगशाला, समेकित कीट प्रबन्धन व खाद्य प्रसंस्करण प्रयोशालाएं स्थापित होंगी। इसके साथ ही किसानों के लिए यहाँ किसान छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, गोदाम आदि का निर्माण भी शीघ्र ही कराया जाएगा। समारोह में कृषि उपज मण्डी समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र चण्डालिया की ओर से अवगत कराया गया कि किसानों के लिए मण्डी को और अधिक बेहतर स्वरूप दिया जाएगा और मण्डी से संबंधित जो भी ज्वलंत समस्याएं आती हैं उन्हें साल भर में ठीक कर दिया जाएगा।
अंत में आभार प्रदर्शन प्रसार शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. इन्द्रजीत माथुर ने किया और प्रदेश में कृषि क्षेत्र में विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त कीर्तिमानों की जानकारी दी। समारोह में जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, किसान प्रतिनिधिगण तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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