आसाराम को राहत नहीं, हाईकोर्ट में जमानत पर सुनवाई 1 अक्टूबर को
जोधपुर।
नाबालिग से यौन शोषण के आरोपी आसाराम को फिलहाल 30 सितंबर तक जेल की हवा ही खानी पड़ेगी। राजस्थान हाईकोर्ट में बुधवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई। अब आसाराम के जेल से बाहर आने पर फैसला 1 अक्टूबर को होगा। हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को देखकर उसी दिन की तारीख तय की है। सेशन कोर्ट ने आसाराम और उनके सेवादार शिवा को 30 सितम्बर तक जेल में रहने का फैसला सुनाया था।
हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकील राम जेठमलानी से पीडिता के मानसिक रूप से बीमार होने के संबंध में रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट पेश करने के लिए बचाव पक्ष ने अदालत से और समय मांगा। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान आसाराम के वकील रामजेठमलानी ने कहा था कि पीडिता मानसिक रूप से बीमार है। इधर, अभियोजन पक्ष ने आसाराम के मामले से जुड़ी केस डायरी कोर्ट में पेश कर दी।
एक महीना निकलेगा जेल में
इसी महीने की एक तारीख से आसाराम जोधपुर के केन्द्रीय कारागार में बंद हैं। सबसे पहले एक दिन पुलिस हिरासत में रखने के बाद आसाराम को पेश किया गया तो सेशन कोर्ट ने 15 सितम्बर तक जेल भेज दिया। इसके बाद 16 सितम्बर को दुबारा कोर्ट में पेश किया तो फिर 15 दिन के लिए कोर्ट ने कारागार में रहने के आदेश दिए। ऎसे में कुल मिलाकर एक महीने आसाराम को जेल में काटने होंगे।
फिलहाल टूटी जमानत की उम्मीद
सेशन कोर्ट से थोड़ी भी राहत नहीं मिलती देख आसाराम ने हाईकोर्ट से जमानत मिलने की उम्मीद देखी। इसके लिए उन्होंने देश के ख्यात वकील राम जेठमलानी को जिम्मेदारी सौंपी। लेकिन जेठमलानी के सारा जोर लगाने के बाद भी आसाराम के बाहर आने का सपना चकनाचूर हो गया।
जेठमलानी ने बोला था झूठ?
जोधपुर हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान आसाराम के वकील जेठमलानी ने दलील दी थी कि पीडिता मानसिक रूप से बीमार है। उसे पुरूषों से अकेले में मिलने की बीमारी है लेकिन एक समाचार चैनल ने जेठमलानी के दावों की धज्जियां उड़ा कर रख दी है।
समाचार चैनल ने खुलासा किया है कि पीडिता 8 वीं,9 वीं और 10 वीं में बहुत अच्छे अंकों से पास हुई है। 10 वीं की मार्कशीट पर उसकी जन्मतिथि 4 जुलाई 1997 दर्ज है। इससे साबित होता है कि वह नाबालिग है। मार्कशीट मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर जारी की गई है।
मार्कशीट में पीडिता को फर्स्ट क्लास से पास दिखाया गया है। दिल्ली में हुए मेडिकल टेस्ट से भी साबित हुआ है कि पीडिता की मानसिक अवस्था सामान्य है। वह सिर्फ डिप्रेशन में हैं। जब किसी के साथ ऎसा होता है तो उसका डिप्रेशन में जाना स्वाभाविक है।
सवाल करने पर जेठमलानी को आया गुस्सा
इससे पूर्व मंगलवार को मुंबई की एक कोर्ट में पहुंचे जेठमलानी से पत्रकारों ने आसाराम से जुड़े केस पर सवाल पूछे तो वह भड़क गए। जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि आपने किस आधार पर कोर्ट में यह दलील दी थी कि पीडिता मानसिक रूप से बीमार है तो जेठमलानी ने कहा कि मुझसे सवाल मत पूछो। एक वकील से मत पूछो कि उसने बहस में क्या कहा। मीडिया वाले पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। बेवजह ही लड़की को लेकर पूर्वाग्रह बनाने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस की रिमांड अर्जी में कहा गया है कि लड़की की बीमारियों के बारे में जानकारियां जुटाई गई है। सवाल का जवाब नहीं मिलने पर जब पत्रकारों ने दोबारा सवाल किया तो जेठमलानी अपना आपा खो बैठे और पत्रकारों से कहा विल यू प्लीज शट अप। मुझे मत बताओ कि पुलिस क्या कह रही है। मैं तुम लोगों को जवाब देने के लिए जिम्मेदार नहीं हूं।
बेटे साईं ने पिता को बताया निर्दोष
आसाराम के बेटे नारायण साईं ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में अपने पिता को निर्दोष बताया है। साईं ने कहा कि मुझे और मेरे पिता को गलत फंसाया जा रहा है। कुछ असंतुष्ट लोग आरोप लगा रहे हैं। हम नहीं जानते कि वे कौन लोग हैं लेकिन यह उन लोगों की साजिश है जो सनातन धर्म के खिलाफ हैं।
साईं ने कहा कि न तो मैं तंत्र विद्या जानता हूं और न ही मेरे पिता। इस मामले में उन्हें पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है। मेरे पिता इस वक्त बहुत पीड़ा में हैं। वे किसी भी तरह का टेस्ट कराने से इसलिए इनकार कर रहे हैं क्योंकि उनका ब्लड सैंपल लेकर कुछ भी किया जा सकता है। हमें न्याय प्रणाली में पूरा विश्वास है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें