ट्रेन के आगे लेटी दुष्कर्म पीडिता 
श्रीमाधोपुर (सीकर)। 
दुष्कर्म की शिकार हुई नागौर जिले की एक युवती चार दिन तक घुटती रही। न घरवालों को बता सकी, न थाने जाने की हिम्मत जुटा सकी। आखिर में आत्महत्या का फैसला कर लिया और सोमवार सुबह ट्रेन से श्रीमाधोपुर आ गई। यहां स्टेशन के कुछ दूर ट्रेन के सामने खड़ी थी, लेकिन ऎनवक्त पर लेट गई। इंजन और तीन डिब्बे भी ऊपर से गुजरे पर खरोंच नहीं आई।
बाद में पुलिस ने बयान लिया तो ज्यादती का पता चला। इस पर पुलिस ने बिना नंबरी एफआईआर लिखकर सम्बंधित थाने भेज दी और युवती को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, 19 वर्षीय पीडिता नागौर के मारोठ थाना क्षेत्र स्थित मिंडा गांव निवासी है। वह रविवार तड़के साढ़े तीन बजे घर से निकलकर रेवाड़ी जाने वाली ट्रेन से श्रीमाधोपुर आ गई। तीन चार घण्टे इधर-उधर घूमती रही। 
इसके बाद सवा नौ बजे वह रेलवे स्टेशन से आधा किलोमीटर दूर पंचावाली फाटक के पास ट्रैक पर खड़ी हो गई। जैसे ही ट्रेन नजदीक आई, वह घबराकर पटरियों के बीच गिर गई। यह देख ट्रेन ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन 
ट्रेन रूकते-रूकते इंजन और तीन डिब्बे युवती के ऊपर से निकल गए। इससे युवती अचेत हो गई। उसे राजकीय अस्पताल पहुंचाया गया, जहां होश आने पर पूछताछ में उसने दुष्कर्म का खुलासा किया।
नकाब पहने था युवक 
युवती ने बयान दिया कि वह 21 अगस्त की शाम गांव के जोहड़ में दुष्कर्म का शिकार हुई थी। शाम करीब साढ़े चार बजे किसी काम से जोहड़ में गई थी, जहां नीले रंग की पैंट-शर्ट और मुंह पर नकाब पहने युवक ने उसके साथ ज्यादती की।

युवती ने इस बारे में परिजनों को भी नहीं बताया और चार दिन अवसाद में रहने के बाद आत्महत्या का फैसला कर लिया। उसने कहा कि इस घटना के बाद वह वह घरवालों को मुंह दिखाने लायक नहीं रही।

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