आसाराम के देश छोड़ने पर लगी रोक
इंदौर। नाबालिग से यौन उत्पीड़न के आरोप से घिरे संत आसाराम बापू के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है। निजी समाचार चैनलों के अनुसार जोधपुर पुलिस ने ये सर्कुलर जारी किया है। इस नोटिस के बाद आसाराम देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकेंगे।वहीं आखिरकार 7 घंटे बाद आसाराम ने पुलिस समन ले लिया है। पुलिस ने आसाराम को 30 अगस्त तक पेशी का समन दिया है। समन सौंपने के बाद पुलिस ने बताया कि उन्होंने जांच में सहयोग करने का भरोसा दिया है। अपराह्न करीब 3 बजे आसाराम ने एक टीवी चैनल से आश्रम में ही बताया कि यह सिर्फ साजिश है, वे साजिश करने वालों के नाम जानते हैं लेकिन नाम उजागर नहीं करेंगे।
समन नहीं लेते तो होती गिरफ्तारी
अगर आसाराम समन नहीं लेते तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता था। उनके समन ले लेने से आसाराम के गिरफ्तारी की आशंका को कुछ मोहलत और मिल गई। जोधपुर पुलिस ने उन्हें समन थमाते हुए 30 अगस्त को या उससे पहले संबंधित प्रकरण में जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने की हिदायत दी। हिदायत में साफ कहा कि अगर पेश नहीं हुए तो गिरफ्तारी की जाएगी।
करवाया इंतजार
इससे पहले आसाराम ने जोधपुर पुलिस को खूब इंतजार करवाया। आश्रम की तरफ से बताया गया कि आसराम अभी ध्यान कर रहे हैं। जोधपुर पुलिस के यहां आने की सूचना पर जब स्थानीय मीडिया के लोग आसाराम आश्रम पहुंचे तो मुख्य द्वार पर बड़ी संख्या में मौजूद उनके भक्तों ने किसी भी मीडिया कर्मी को मेन गेट के भीतर घुसने तक नहीं दिया। बताया गया है कि जोधपुर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर भंवर ने आसाराम को समन देने से पहले सारी शर्ते बताई।
आसाराम न धर्माचार्य, न संत
आसाराम को जगeुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती संत या धर्माचार्य नहीं मानते। शंकराचार्य का कहना है कि आसाराम बापू न संत हैं और न ही धर्माचार्य हैं, वह सिर्फ एक गृहस्थ कथा वाचक हैं जो प्रवचन करते हैं। उन पर लगे आरोपों पर कोई टिप्पणी किए बिना शंकराचार्य ने कहा कि समाज को संत और सामान्य गृहस्थ में फर्क करना चाहिए। दिल्ली में चातुर्मास कर रहे शारदा पीठ द्वारिका और ज्योर्तिपीठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि संत या धर्माचार्य बनने के लिए किसी गुरू से दीक्षा नहीं ली है।
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