रिफाइनरी को लेकर धरना जारी
बाड़मेर. 
रिफाइनरी बचाओ संघर्ष समिति की ओर से कलेक्ट्रेट के बाहर दिया गया धरना शनिवार को भी जारी रहा। शनिवार को धरने पर सैकड़ों की संख्या में बैठे किसानों ने सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि जान दे देंगे, लेकिन रिफाइनरी को जान नहीं देंगे। किसानों ने कहा कि लीलाला रिफाइनरी के लिए अस्सी फिसदी किसान सहमत है और जमीन देने को भी राजी है। लेकिन मीडिया में झूठी खबरें आ रही है कि लोग जमीन देने को राजी नहीं है। सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार एक करोड़ रुपए मुआवजे के नाम राजनीति कर रिफाइनरी का स्थान परिवर्तन किया है, जिससे बायतु सहित जिलेभर के किसानों में रोष है। यूथ कांग्रेस लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमन चौधरी ने कहा कि सोमवार को बायतु तहसील मुख्यालय पर किसानों का धरना दिया जाएगा। वहीं 4 अगस्त को बैठक के बाद जिले के सभी तहसील मुख्यालयों पर विरोध-प्रदर्शन स्वरुप धरने दिए जाएंगे और रिफाइनरी को लीलाला में लगाए जाने की मांग उठाई जाएगी।
बाड़मेर में रिफाइनरी को लेकर पिछले एक-डेढ़ माह से संघर्ष चल रहा है। पचपदरा में रिफाइनरी स्थापित किए जाने की घोषणा के बाद विवाद बढ़ता ही जा रहा है। किसान आंदोलन कर रिफाइनरी को लीलाला में लगाए जाने की मांग रहे है। वहीं सरकार रिफाइनरी को पचपदरा में लगाए जाने की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में किसानों और सरकार के बीच रिफाइनरी को लेकर चल रहा विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है। किसान भी आंदोलन का मूंड बना चुके है। इसी माह एक और बड़े महापड़ाव किए जाने की तैयारी चल रही है।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top