मेहफिले मिलाद में सैकड़ों लोग उमड़े, उल्माओं ने की नसीहत भरी तकरीर
बाड़मेर
जिसका आखिरी कल्मा ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ होगा वो जन्नत में जायेगा। मौत हक है, जरूर आयेगी। पैगम्बरे इस्लाम ने अपने अमल और किरदार से साबित फरमा दिया ये शाही रौबदार एक तमाशा है, मौत के आगे किसी की नहीं चलती। दुनिया सबक हासिल करने की जगह है। ये बात मेहफिले मिलाद में मुख्य वक्ता मौलाना मोहम्मद याकूब खतीबों इमाम ने सैकड़ों लोगों को खिताब फरमाते हुए कही।
दारूल उलूम फैजे सिद्दीकिया संस्थान के सचिव अब्दुल रशीद के साहबजादे नदीम खान के बराए इसाले सवाब के लिए आयोजित मेहफिले मिलाद में मौलाना याकूब ने कहा कि माल, दौलत और हुकूमत पर इतराना बच्चों जैसी हरकत है।
मौलाना मोहम्मद दाऊद ने कहा कि पैगम्बर इस्लाम ने यही तालीम दी है जब देखो तो अपने मर्तबे पर शुक्र अदा करो। पेश इमाम मौलाना लाल मोहम्मद ने अपनी तकरीर में अल्लाह व रसूल के बताए हुए रास्ते पर चलने के लिए जोर दिया। मेहफिले मिलाद के मुख्य अतिथि जेरे सरपरस्त पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जीलानी ने सचिव अब्दुल रशीद आयोजक मेहफिले मिलाद कार्यक्रम के साहबजादे नदीम खां के इंतकाल पर अफसोस जताते हुए अल्लाह से दुआ मांगी कि मरहूम की मगफिरत फरमाकर साथ ही घर वालों को सब्रजमील की तौफिक अता फरमाए। उन्होनें कहा कि सब्र वालों के साथ अल्लाह है, वो सब्र का इम्तहान लेते हैं।
कार्यक्रम का आगाज तिलावते कुरआने पाक से मौलाना लाल मोहम्मद ने आगाज किया। कारी रोशनदीन, मोहम्मद युसुफ, मौलाना लाल मोहम्मद ने मजमा में नाते सुनाकर झुमा दिया। इस अवसर पर काजी-ए-शहर मौलाना मोहम्मद हाशिम, मौलाना नूर मोहम्मद प्रिंसीपल, मौलाना अब्दुल रहमान सहित कई मकामी व बैरूनी उल्माए किराम मंच पर उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात् आयोजक अब्दुल रशीद ने नियाज तकसीम करवाई। इस मौके पर सैकड़ों लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार जाकिर कोटवाल व मोहम्मद अवेश ने किया। उल्माए किराम का नाथू खां लोहार, वली मोहम्मद इत्यादि समाज के गणमान्य लोगों ने माला पहनाकर इस्तकबाल किया। मेहफिले मिलाद के आयोजक अब्दुल रशीद ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया।



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