84 कोसी परिक्रमा रोकने पर सरकार को कोसा 
बाड़मेर
अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद की चौरासी कोसी परिक्रमा को रोकने और साधु-संतों को गिरफ्तार करने का विरोध बाड़मेर में भी हुआ। विहिप और अन्य हिंदू संगठनों के आह्वान पर बड़ी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और धरना दिया। यहां साधु-संतों और हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार को जमकर कोसा। धरने में उपस्थित सभी भक्तों ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए विहिप के विभाग प्रमुख गिरधारीदान चारण ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर हिंदू समाज संकल्पित है। तीन लाख गांवों में राम मंदिर की शिलाओं का पूजन किया जा चुका है। परंतु वर्तमान सरकारें हिंदुओं के मौलिक धार्मिक अधिकारों का हनन कर रही है। 

भावनाओं के अनुरूप कार्य हो 
विहिप के जिला उपाध्यक्ष छत्तूमल तनसुखानी ने कहा कि इस वर्ष फरवरी में प्रयाग महाकुंभ के अवसर पर 10 हजार संतों की उपस्थिति में श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण को लेकर सहमति बनी थी। 
मई में संतों का प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति से मिला और उन्हें अवगत करवाया कि श्रीराम जन्मभूमि पर न्यायालय का फैसला मंदिर के पक्ष में आया है इसलिए केन्द्र सरकार हिंदू भावनाओं के अनुरूप कार्य करे और संसद में विधेयक लाकर अधिग्रहित 70 एकड़ भूमि मंदिर निर्माण के लिए हिंदू समाज को सौंपे। संतों ने बताया कि 480 वर्ष तक 76 संघर्षों और लाखों बलिदान देने के बाद बाबरी ढांचे से मुक्ति मिली है इसलिए अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा चौरासी कोसी परिक्रमा में बाबर का कोई प्रतीक हिंदू समाज अब बर्दाश्त नहीं करेगा। परंतु उत्तर प्रदेश सरकार ने चौरासी कोस परिक्रमा पर रोक लगा कर संविधान में प्रदत्त अधिकारों का हनन किया है। 

तुष्टीकरण की राजनीति बंद हो 
तारातरा मठ के प्रतापपुरी शास्त्री ने कहा कि देश में वोटों की राजनीति के चलते गाय और हिंदू का जीवन खतरे में है। कश्मीर सहित देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवाद पनप रहा है, लेकिन केन्द्र में बैठी सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए सीमा की रक्षा के लिए शहीद हुए जवान की बजाय आतंकवादियों की मौत पर आंसू बहा रही है। इसलिए उपस्थित लोग संकल्प लें कि हिंदू विरोधी शासन सत्ता को जड़ से समाप्त करेंगे। सीमाजन कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष अंबालाल जोशी ने कहा कि सीमा क्षेत्र में जात-पात व ऊंच-नीच को छोड़ कर हिंदू समाज को संगठित करें। जगदीश खत्री ने कल्याण मंत्र का वाचन किया। शुरू में प्रेम आचार्य ने एकात्मता मंत्र और रामधुन का संगान किया। 

संतों का सानिध्य 
विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित धरना के अवसर पर जिले के विभिन्न मठों के संत-महंत भी उपस्थित थे। इनमें महंत खुशालगिरी, महंत नारायणगिरी, केकड़ के रामस्नेही संत सीताराम शास्त्री, परमानंद महाराज, रामरतन महाराज, गोविंदगिरी महाराज, सीयाराम उडिय़ा बाबा आदि शामिल थे। 

यात्रा से प्रतिबंध हटाने की मांग 
धरने के बाद संतों के नेतृत्व में 84 कोसी धार्मिक पदयात्रा पर से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन देने वालों में रिखबदास वडेरा, बजरंग दल संयोजक स्वरूपसिंह भदरू, गोविंद पुरोहित, किशोर भार्गव आदि शामिल थे। धरने में विहिप के साथ सीमाजन कल्याण समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, लघु उद्योग भारती, भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच, विद्या भारती आदि संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। 

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