नहीं हटी दुष्कर्म की धारा, 30 को जोधपुर में हाजिर हों आसाराम
अहमदाबाद/जोधपुर।
जोधपुर स्थित आश्रम में एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे आध्यात्मिक गुरू आसाराम बापू के विरूद्ध जारी समन सोमवार को तामील कर दिया गया है। समन में आसाराम को इस मामले में जांच के लिए 30 अगस्त को सहायक पुलिस आयुक्त चंचल कुमारी के समक्ष उपस्थित रहने को कहा गया है।
मामले में ही तीन अन्य आरोपियों मप्र के छिंदवाड़ा स्थित गुरूकुल की हॉस्टल वार्डन शिल्पी, सेवादार शिवा और एक कर्मचारी शरदचंद्र को भी 29 अगस्त को बुलाया गया है। आसाराम आश्रम के प्रवक्ता डॉ. सुनील वानखेड़े ने संवाददाताओं से जोधपुर पुलिस की ओर से आसाराम व अन्य साधकों के विरूद्ध जारी समन को स्वीकारने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आश्रम की लीगल सेल ने इसे स्वीकारा है।
मुख मैथुन को कहा था-पीडिता
पीडिता का आरोप है कि आध्यात्मिक गुरू ने जब उसके कपड़े उतारे तभी घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी भी दी। उससे मुख मैथुन करने को भी कहा था, लेकिन वो नहीं मानी।
समन भी दिया, बयान भी लिया
जोधपुर से पीएसआई बाबूसिंह राजगुरू और कांस्टेबल गोविंद सुबह आठ बजे अहमदाबाद पहुंचे। इस टीम ने आसाराम के सहायक विकास खेमका और निशांत जादवानी को अपराह्न 4:30 मोटेरा गांव स्थित आश्रम के बाहर साबरमती नदी किनारे बुला समन तामील किया। दोनों ने इसे स्वीकार कर लिया है। राजगुरू ने बताया कि दोनों से समन के तामील होने और उसे स्वीकारने से जुड़ा उनका बयान आसाराम आश्रम के लेटर हैड पर ही दर्ज किया है और उस पर उनके हस्ताक्षर भी लिए गए हैं।
ऎसे मामलों में पुलिस रिपोर्ट के बाद पीडिता के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराती है। मेडिकल मुआयना कराया जाता है। मौका मुआयना कर साक्ष्य जुटाए जाते हैं। सामान्यत: इसके बाद आरोप साबित मानती है तो अभियुक्त को गिरफ्तार किया जाता है। आरोप साबित नहीं तो यह बात सार्वजनिक हो। हर मामले में ही समन भेज अभियुक्त को उपस्थित होने के लिए कहा जाता है।
रामजीवन मीणा, रिटायर्ड आईपीएस
नहीं हटाई दुष्कर्म की धारा
आसाराम के खिलाफ एफआईआर में दर्ज दुष्कर्म की धाराएं हटाई नहीं गई हैं। सोमवार दिनभर मीडिया में इस तरह की अफवाहें रहीं। आसाराम को जारी समन में आइपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 342 (गैर कानूनी रूप से बंधक रखना) का उल्लेख है। जोधपुर डीसीपी अजय लाम्बा ने कहा है कि एफआईआर में दर्ज सारी धाराएं यथावत हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मप्र, राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार से आसाराम के बारे में सभी आरोपों और आपराघिक रिकॉर्ड की रिपोर्ट मांगी है। जोधपुर पुलिस उसके पासपोर्ट नंबर जुटा रही है ताकि उनके विदेश जाने पर रोक लगाई जा सके।
आसाराम सम्बंधी मामला राज्य का है और मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। जब भी हमें संबंधित राज्य से जुड़ी कोई जानकारी मिलेगी, हम इसे सदन के साथ साझा करेंगे।
सुशील कुमार शिन्दे, केन्द्रीय गृहमंत्री
एक साधु है, जो तमाशा कर रहा है। क्यों नहीं उसे बंद किया जाता। एक युवती ने उसके खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाया है। उसे सजा देने से कड़ा संदेश जाएगा। मंत्री इस बारे में क्यों नहीं बोलते। एक मामले में बोलेंगे और दूसरे में नहीं, ऎसा कैसे चलेगा। शरद यादव, जदयू अध्यक्ष (सदन में गृह मंत्री से कहा )
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