गिराने चले थे शिवराज सरकार,खुद में फूट 

भोपाल। 
मध्यप्रदेश के संसदीय इतिहास में एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में गुरूवार को राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राकेश सिंह चतुर्वेदी ने ही हवा निकालते हुए सदन में इसका विरोध कर दिया।
इस घटनाक्रम को लेकर हुए अभूतपूर्व हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस बीच विपक्ष के नेता अजय सिंह ने कहा कि चतुर्वेदी ने पीठ में छुरा घोंपा है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव किया जाएगा। 
उन्होंने कहा कि संपूर्ण घटनाक्रम से कांग्रेस हाईकमान को अवगत करा दिया गया है। सदन में गुरूवार को कार्यसूची में शामिल विषयों को पूरा करने के बाद जैसे ही अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का मुद्दा आया चतुर्वेदी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उनके द्वारा सुझाए गए तीन मुद्दों को अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया है। 
पहला तो यह कि राज्य के उत्तराखंड में गए 721 व्यक्तियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि एक नेता ने "बच्चा-बच्चा राम का राघवजी के काम का" जैसा बयान दिया है और इससे हिंदुओं का अपमान हुआ है। चतुर्वेदी ने कहा कि इसके अलावा पूर्व वित्त मंत्री राघवजी द्वारा यौन प्रताड़ना का मामला भी अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया है।

उन्होंने अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी से मुखातिब होते हुए कहा कि इन तीनों मुद्दों को शामिल नहीं किए जाने के कारण अविश्वास प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। इस घटनाक्रम के बावजूद कांग्रेस विधायकों ने इस पर चर्चा कराने की मांग की लेकिन भाजपा सदस्यों ने इसका जमकर विरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर उनके ही दल के उपनेता राकेश सिंह चतुर्वेदी ने अविश्वास जताया है,इसलिए अब इसका कोई औचित्य नहीं रह जाता।
भाजपा में शामिल हुए चतुर्वेदी
इस घटनाक्रम के बाद चतुर्वेदी ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेताओं की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। वहीं प्रदेश कांग्रेस संगठन ने उन्हें गद्दार बताते हुए तत्काल ही पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा कर दी। प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा ने बताया कि चतुर्वेदी ने सदन में पार्टी के साथ गद्दारी की है और उनके इस कृत्य के लिए उन्हें तत्काल ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में तीन बार शामिल होने के दौरान चतुर्वेदी ने मुद्दों को लेकर सहमति जताई और आज अचानक सदन में उन्होंने पार्टी की खिलाफत की। नीखरा ने कहा कि निश्चित तौर पर चतुर्वेदी की भाजपा के साथ बड़ी डील हुई है और इस तरह के गद्दार को राज्य की जनता भी सजा देगी।

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