धोनी के छक्के से भारत चैंपियन 
पोर्ट ऑफ स्पेन। 
त्रिकोणीय वनडे सीरीज के बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबले में गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद अंतिम ओवर में धोनी की जबर्दस्त बल्लेबाजी की बदौलत भारत ने श्रीलंका को एक विकेट से हराकर खिताब पर कब्जा जमा लिया। 
अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए 15 रनों की जरूरत थी और सिर्फ एक विकेट बाकी था। ऎसी मुश्किल घंड़ी में फंसे भारत को कप्तान महेन्द सिंह धोनी ने कप्तानी पारी खेलकर अपनी टीम को दो गेंद पहले ही जीत दिला दी। 
धोनी ने मैच के अंतिम ओवर में गेंदबाजी करने आए श्रीलंका एरंगा की पहली गेंद पर कोई रन न बना पाने के बावजूद अगली तीन गेंदों पर 2 छक्केऔर एक चौका जड़ते हुए 16 रन बनाए और मैच के साथ-साथ खिताब पर भी भारत का नाम लिख दिया। 
मैन ऑफ द मैच धोनी ने 52 गेंदों पर 5 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 45 रनों की नाबाद पारी खेली। साथ ही धोनी ने ईशांत शर्मा के साथ आखिरी विकेट के लिए 20 रन की नाबाद साझेदारी भी की। भुवनेश्वर कुमार को सीरीज सबसे ज्यादा विकेट लेने के कारण मैन ऑफ दी सीरीज का पुरस्कार प्रदान किया गया।
इससे पहले अपनी शानदार बल्लेबाजी से रोहित ने टीम इंडिया को 27 रन पर दो विकेट की मुश्किल स्थिति से निकालते हुए मैच में वापसी करा दी थी। एक समय 182 रन पर 9 विकेट गंवा दिए थे। हेराथ ने पहले कार्तिक और रोहित शर्मा को आउट किया। इससे पहले भारत ने अपने गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन की बदौलत श्रीलंका को 48.5 ओवर में 201 रन पर ऑलआउट कर दिया। श्रीलंका के लिए कुमार संगकारा ने सर्वाधिक 71 रन बनाए। भारत के लिए जडेजा ने सबसे अधिक 4 विकेट लिए। भुवनेश्वर, ईशांत और अश्विन ने 2-2 विकेट चटकाए।
इस साझेदारी को इशांत ने 38वें ओवर में तोड़ा, जब तिरिमाने लेग स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर भुवनेश्वर को कैच देकर पैवेलियन लौटे। उन्होंने 72 गेंद की अपनी पारी में चार चौके लगाए। स्कोर में तीन रन और जुड़े थे कि संगकारा भी रवाना हो गए। स्पिनर आर अश्विन की गेंद पर मिडऑन में विनय कुमार ने उनका कैच लपका।
इसके बाद श्रीलंका का कोई बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका और न ही बड़ी साझेदारी बनी। अश्विन ने 40वें ओवर में ही एक और विकेट चटकाते हुए कुशल परेरा को आउट किया, जो आगे बढ़कर खेलने के प्रयास में चूके और धोनी ने स्टम्पिंग करने में कोई गलती नहीं की। टूर्नामेंट के पहले मैच में चोटिल होने के बाद धोनी ने फाइनल में वापसी की है। जडेजा ने निचले क्रम के चारों विकेट चटकाए। उन्होंने सबसे पहले दिनेश चंडीमल को अश्विन के हाथों लपकवाया। उस समय स्कोर 43वें ओवर में 183 रन था। कप्तान एंजेलो मैथ्यूज दस रन बनाकर इशांत की गेंद पर विनय को कैच देकर लौटे।

जडेजा ने रंगाना हेराथ (5) और लसिथ मलिंगा (0) को 47वें ओवर की पहली और तीसरी गेंद पर आउट किया। हेराथ को धोनी ने स्टम्प आउट किया, जबकि मलिंगा ने भुवनेश्वर को कैच थमाया। श्रीलंका का आखिरी विकेट सुरंगा लकमल के रूप में गिरा, जो धोनी की स्टम्पिंग का शिकार हुए।

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