विधायक ने की शिरकत, गलियां पड़ी संकड़ी
बाड़मेर, 19 जुलाई।
बाड़मेर जिले के अन्तर्गत बिशाला नगर की पावन पुण्य धरा पर प.पू. खरतरगच्छ साध्वी विनीतयशाश्रीजी म.सा. का मंगल प्रवेश भारी जन सैलाब के साथ सम्पन्न हुआ।
जैन श्री संघ, बिशाला के अध्यक्ष हुकमीचन्द बोथरा व प्रचार मंत्री केवलचन्द छाजेड़ ने बताया कि गुरूवर्या का मंगल प्रवेश पंचायत भवन से ढोल नगाड़ों व सामैया के साथ किया गया, जो नगर के मुख्य मार्गों से होता हुआ जैन भवन पहुंचा। शोभायात्रा में सबसे आगे युवा जैन ध्वज लिये हुए चल रहे थे। उसके बाद श्रावक वर्ग गले में जैनम् जयति शासनम् के दुपट्टे लगाये जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे थे। उसके ठीक बाद ढोल नगाड़े बज रहे थे और महिलाएं मंगल कलश धारण किये चल रही थी। इनके पीछे गुरूवर्या विनीतयशाश्रीजी म.सा. एवं महिलाओं का हुजूम चल रहा था। ज्यों-ज्यों शोभायात्रा आगे बढ़ रही थी गलियों में भीड़ बढ़ रही थी, जैसे जंगल में मंगल हो गया हो। नगर की गलियां संकड़ी लग रही थी। शोभायात्रा का जगह-जगह चावल की गहुली से स्वागत किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इसके बाद विमल विचक्षण बालिका मण्डल द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। जैन श्री संघ, बिशाला के अध्यक्ष हुकमीचन्द बोथरा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। इसके बाद अतिथियों का संघ द्वारा तिलक, माला, साफा एवं श्रीफल से बहुमान किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक मेवाराम जैन ने अपने सम्बोधन में कहा कि बिशाला के लोग पुण्यशाली हैं, जो लगातार तीसरी बार चातुर्मास करवा कर ज्ञान की गंगा बहा रहे हैं। उन्होनें चार माह के चातुर्मास में अधिकाधिक प्रवचन के माध्यम से धर्म आराधना करने की बात कही एवं सार्वजनिक श्मशान के विकास हेतु विधायक कोष से 3 लाख रूपये देने की घोषणा की।
कार्यक्रम के अध्यक्ष बाड़मेर जैन श्री संघ के अध्यक्ष नैनमल भंसाली ने दादा जिनदत्तसूरि की 859वीं स्वर्गारोहण जयंती पर उनके जीवन पर प्रकाश डाला और उनके बताये संदेशों को जीवन में उतारने की बात कही।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रिखबदास मालू ने भी छोटे से गांव में चातुर्मास करवानेकी अनुमोदना कर दादा गुरूदेव के जीवन पर प्रकाश डाला।
इसी क्रम में जैन श्री संघ, बाड़मेर के महामंत्री किशनलाल वडेरा ने भी अपने उद्बोधन में चातुर्मास के दौरान युवा पीढ़ी में आ रही संस्कारों की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए जीवन में संस्कारों की वृद्धि करने एवं चातुर्मास का पूरा लाभ लेने हेतु कहा।
गुरूवर्या विनीतयशाश्रीजी म.सा. ने अपने उद्बोधन में साल भर इन चातुर्मास के चार महीनों का मुख्य महत्व बताते हुए पूरा लाभ लेने की बात कही। उन्होनें कहा कि समय रहते धर्म आराधना नहीं की तो बाद में पछताना पड़ सकता है। इसलिये समय निकालकर आराधना करने की बात कही।
कार्यक्रम में विधायक मेवाराम जैन, नैनमल भंसाली, रिखबदास मालू, किशनलाल वडेरा, हस्तीमल सिंघवी, वेदमल बोहरा, हुकमीचन्द बोथरा, बोरीदास वडेरा, हस्तीमल धारीवाल, पारसमल बोथरा, जुगराज सेठिया, सोहनलाल सेठिया, किशनलाल छाजेड़, मानमल तातेड़, शंकरलाल बोहरा, शंकरलाल पड़ाईया, बाबुलाल बोथरा, बाबुलाल सिंघवी, मांगीलाल छाजेड़, भूरचन्द पारख, पुखराज छाजेड़, सोहनलाल तातेड़, गौतम छाजेड़, मांगीलाल सिंघवी, केवलचन्द छाजेड़, रमेश छाजेड़, घेवर सिंघवी, भूरचन्द छाजेड़, अशोक सिंघवी, अशोक बोथरा, शंकरलाल बोथरा, मदन बोथरा, कपिल तातेड़ आदि उपस्थित थे। आसपास से धोरीमन्ना, रामसर, भादरेश, बाड़मेर, जोधपुर, हरसाणी, सुरा, बालेवा आदि गांवों से भारी संख्या में भक्त पधारे।
कार्यक्रम का संचालन जैन श्री संघ के सचिव पुखराज छाजेड़ ने किया। अन्त में केवलचन्द छाजेड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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