50 हजार सैनिक रोकेंगे चीनी घुसपैठ 
नई दिल्ली।
चीन से लगती वा
स्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार ने यहां 50,000 सैनिकों की नई टुकड़ी बनाकर तैनात करने का फैसला किया है। इसके लिए 65,000 करोड़ रूपए का बजट रखा गया है। 
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों की केबिनेट कमेटी की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह और वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन भी प्रधानमंत्री कार्यालय में मौजूद थे, ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी तरह का स्पष्टीकरण दिया जा सके। नई टुकड़ी का मुख्यालय पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में बनने की उम्मीद है। 
योजना क्या
पानागढ़ में तैनात होगा हवा 
में ईंधन देने वाला टैंकर।
उत्तर पूर्व में बनाए जाएंगे सेना के नए आर्टिलरी डिविजन।
यहीं तैनात होंगी बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल यूनिट।
नई टुकडियां पहाड़ी इलाकों में लड़ाई पर करेंगी फोकस।
अगले सात सालों में पूरी होगी सेना की मौजूदा योजना। 
एलएसी पर तैनात होंगे अल्ट्रा लाइट होवित्जर और टैंकर।

तीन साल बाद फैसला इसलिए
सेना ने 2010 में यह प्रस्ताव सरकार को भेजा था, लेकिन सरकार ने इसे यह कहते हुए लौटा दिया था कि तीनों सेनाएं मिलकर अपनी क्षमता बढ़ाने के रास्ते तलाशें। अब जब चीन की घुसपैठ ज्यादा बढ़ गई तब सरकार ने यह फैसला किया है।

ऎसी होगी माउंटेन स्ट्राइक कॉप्र्स
इस नई टुकड़ी का नाम होगा माउंटेन स्ट्राइक कॉप्र्स। सूत्रों के मुताबिक यह चीन से मुकाबले के लिए खास तौर पर तैयार की जाएगी, जो अभी तक भारतीय सेना में नहीं है। माउंटेन स्ट्राइक कॉप्र्स का स्वतंत्र सैन्य और हथियार ब्रिगेड होगा।

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