रामगढ़ गैस थर्मल पॉवर प्लांट में चतुर्थ चरण का आगाज

- डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर

जैसलमेर, 7 जून/बिजली उत्पादन के क्षेत्र में निरन्तर व्यापक विस्तार और विकास का पैगाम दे रहा सरहदी जैसलमेर जिला ऊर्जा क्षेत्र में देश भर में अग्रणी पहचान बनाने लगा है।
एक ओर जहाँ पवन और सौर ऊर्जा की सभी अपार संभावनाओं को साकार किया जा रहा है वहीं परंपरागत बिजली के क्षेत्र में सरहदी अंचलों में हाल के वर्षों में व्यापक योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी सूत्रपात ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इन्हीं के साथ गैस आधारित विद्युत तापीय ऊर्जा से संबंधित सुप्रसिद्ध रामगढ़ गैस थर्मल पॉवर प्लांट की क्षमताओं और उत्पादन का ग्राफ लगातार बढ़ोतरी पर है।

मुख्यमंत्री करेंगे चतुर्थ चरण का शिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के हाथों शनिवार 8 जून को होने जा रहे इस प्लांट के चतुर्थ चरण के शिलान्यास से गैस तापीय ऊर्जा के मामले में राजस्थान प्रदेश तरक्की के नए सफर का शंखनाद करने वाला सिद्ध होगा।
जैसलमेर से साठ किलोमीटर दूर रामगढ़ में 790 बीघा 17 बिस्वा परिक्षेत्र में पसरा हुआ रामगढ़ गैस थर्मल पॉवर प्लांट अब अपने चतुर्थ चरण की शुरूआत करने जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा 160 मेगावाट के चतुर्थ चरण से संबंधित परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें 110मेगावाट ओपन साइकिल एवं 50 मेगावाट क्लोज साईकिल विद्युत उत्पादन शामिल है।

रोजाना 38 लाख यूनिट बिजली उत्पादन
चतुर्थ चरण की अनुमानित लागत 640 करोड़ रुपए आंकी गई है। इससे प्रतिदिन 38 लाख युनिट विद्युत का उत्पादन होगा। चतुर्थ चरण के अन्तर्गत गैस टरबाईन से अक्टूबर 2014 में 110मेगावाट तथा स्टीम टरबाईन से मार्च 2015 तक 50 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना के चतुर्थ चरण की इकाइयों की स्थापना के लिए निर्माण सामग्री की आपूर्ति आरंभ हो गई है।
चतुर्थ चरण की परियोजना के लिए मैसर्स फोकस एनर्जी के गैस फील्ड से गैस की आपूत्रि्त के लिए गैस आथोरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड(गेल) ने सहमति प्रदान की है। इसके लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण मण्डल द्वारा पर्यावरण स्वीकृति भी जारी कर चुका है। इस परियोजना के लिए मुख्य संयंत्रों की आपूर्ति एवं स्थापना हेतु कार्यादेश मैसर्स भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड को जारी हो चुके हैं। बैलेंस ऑफ के कार्य का आदेश भी मैसर्स टैक्प्रो सिस्टम्स लि. को जारी हो चुका है। रामगढ़ गैस आधारित थर्मल पॉवर प्लांट के लिए जलप्राप्ति का स्रोत इन्दिरा गांधी नहर परियोजना है। प्लांट की जल भंडारण क्षमता 77 हजार घनमीटर है।
उल्लेखनीय है कि रामगढ़ गैस थर्मल पॉवर प्लांट में प्रथम चरण में गैस टरबाईन से 35.5मेगावाट तथा द्वितीय चरण में गैस टरबाईन से 37.5 मेगावाट व स्टीम टरबाईन से 37.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता रहा है। जबकि तृतीय चरण में गैस टरबाईन से 110 तथा स्टीम टरबाईन से 50 मेगावाट बिजली उत्पादन अनुमानित है। प्रथम चरण पर 180 करोड़ तथा द्वितीय चरण पर 300 करोड़ की लागत आयी है जबकि तृतीय चरण की अनुमानित लागत 640 करोड़ रुपए आंकी गई है।
रामगढ़ गैस थर्मल पॉवर प्लांट के प्रथम चरण में गैस टरबाइन से विद्युत उत्पादन 12जनवरी 1996 को आरंभ हुआ जबकि द्वितीय चरण के अन्तर्गत गैस टरबाईन से 7 अगस्त 2002को तथा स्टीम टरबाइन से 25 जुलाई 2003 को विद्युत उत्पादन आरंभ हुआ। रामगढ़ गैस विद्युत परियोजना के द्वितीय चरण में विद्युत उत्पादन आरंभ होने पर इसकी अधिष्ठापित क्षमता उस समय113.50 मेगावाट थी।
परियोजना के तृतीय चरण में 110 मेगावाट गैस टरबाइन तथा 50 मेगावाट स्टीम टरबाइन का कार्य किया जा रहा है। इसमें से 110 मेगावाट की गैस टरबाइन को 20 मार्च 2013 को चालू किया जा चुका है। यह इकाई अभी परीक्षण एवं स्थिरीकरण की स्थिति में है जबकि तृतीय की 50मेगावाट की स्टीम टरबाइन का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

तृतीय चरण के लिए गैस की आपूर्ति 9.5 लाख घन मीटर प्रतिदिन मैसर्स गेल द्वारा 10 इंच की पाईपलाईन से प्राप्ति निर्धारित है। गैस का स्रोत लंगतला गैस फील्ड(फोकस एनर्जी लिमिटेड) है। इस तृतीय चरण परियोजना का लोकार्पण स्टीम टरबाइन इकाई का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने पर किया जाना निर्धारित है।

जैसलमेर जिले में बिजली उत्पादन के बहुआयामी प्रयासों ने मरुभूमि को गौरवान्वित करने के साथ ही देश भर में ऊर्जा प्रदाता क्षेत्र के रूप मेंं इस क्षेत्र को नई पहचान दी है।

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