बिजली विकास एवं विस्तार में नये युग का उदय
- डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर
पवन और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया भर में मशहूर रेगिस्तानी इलाकों में राज्य सरकार के अनथक प्रयासों की बदौलत बिजली क्षेत्र में विकास और विस्तार की कई योजनाओं और कार्यक्रमों का बेहतर क्रियान्यन अब रोशनी का पैगाम मुखरित करने लगा है।
सरकार ने भरपूर सौर ऊर्जा और वेगवान हवाओं का उपयोग करने के बहुआयामी प्रयासों के साथ ही बिजली तंत्र में सुधार, विस्तार एवं विकास की ठोस गतिविधियों को अंजाम दिया है। इसी में एक है जैसलमेर जिले के आकल में स्थापित 400 केवी जीएसएस। मुख्यमंत्री के हाथों 8 जून,शनिवार को लोकार्पित होने वाला यह जीएसएस सरहदी क्षेत्रों के लिए तोहफा ही है।
यह परियोजना जैसलमेर एवं बाड़मेर क्षेत्र में स्थापित पवन ऊर्जा आधारित विद्युत संयंत्रों से उत्पादित विद्युत ऊर्जा के प्रसारण तंत्र में निस्तारण करने तथा इस क्षेत्र के प्रसारण तंत्र के सुदृढ़ीकरण तथा विद्युत व्यवस्था में सुधार की दिशा में अपने उद्देश्यों में कामयाब रही है।
इस परियोजना के अंर्तगत जैसलमेर-बाड़मेर मार्ग पर जैसलमेर से कुछ किलोमीटर दूर 400के.वी. जी.एस.एस. की स्थापना कर इस सब स्टेशन के 400 के.वी. जी.एस.एस, जोधपुर से 400के.वी. एक पथीय 230 कि.मी. लाईन तथा 400 के.वी. जी.एस.एस, बाड़मेर से 400 के.वी. की एकपथीय 130 कि.मी. लाईन खींचकर जोड़ा गया है। इस ग्रिड सब स्टेशन पर 400/220 के.वी., 315 एम.वी.ए. क्षमता के दो ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं।
अपनी तरह की इस महत्त्वपूर्ण परियोजना पर कुल अनुमानित व्यय लगभग 430.60 करोड़ रुपये है जिसमें लाईन निर्माण लागत 323.47 करोड़ रुपये तथा सब स्टेशन निर्माण लागत 107.13करोड़ रुपये है ।
इस सब स्टेशन की स्थापना से विद्युत प्रसारण तंत्र की सुदृढ़ता बढ़ी है, विद्युत छीजत में कमी आयी है। इसके साथ ही जैसलमेर एवं आस-पास के क्षेत्र को उच्च गुणवत्ता की निर्विघ्न विद्युत सप्लाई सुनिश्चित करने की दिशा में यह अहम है।
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