रिफाइनरी की राह में पेच
बालोतरा।
बैठक में लवण उत्पादक खारवाल समाज के लोगों ने रोष भरे लहजे में बताया कि राजस्व विभाग व एचपीसीएल कंपनी की ओर से गुपचुप तरीके से पचपदरा साल्ट इलाके में रिफाइनरी को लेकर जो कवायद की जा रही है,उससे सैकड़ों खानों को सीधा नुकसान हो रहा है। कर्मचारी नेता जैसलसिंह खारवाल बालोतरा,दत्ताराम खारवाल,ट्रस्ट मण्डल देवल अध्यक्ष एडवोकेट सुरेशनारायण खारवाल,पूर्व सरपंच गोविंदराम खारवाल,एडवोकेट महेश कुमार खारवाल ने कहा कि लवण उद्योग के लिए आरक्षित 32.34 वर्ग मील के इलाके में निर्माण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
खारवाल समाज के चंपालाल सादुलजी बनाम राजस्थान सरकार के बीच दायर वाद में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से दिए गए फैसले का अध्ययन किए बिना ही अधिकारियों ने रिफाइनरी के लिए कार्रवाई शुरू की है,जो गलत है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विपरीत राज्य सरकार लवणीय क्षेत्र में रिफाइनरी स्थापित करती हैं, तो यह सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना होगी।
जैसलसिंह खारवाल, पारस जी खारवाल, कमलेश बी खारवाल, एडवोकेट लूणसिंह खारवाल, कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष धनराज खारवाल ने कहा कि सदियों पुराना यह उद्योग खारवाल समाज के बूते पर ही जिंदा है। खारवाल समाज की ओर से रिफाइनरी लगाने को लेकर कोई विरोध नहीं है। लेकिन लवण उद्योग के लिए आरक्षित जमीन का अधिग्रहण किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद सभी लोग जुलूस के रूप मे तहसील कार्यालय पहुंचे। मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन तहसीलदार विवेक व्यास को सौंपा। इस अवसर पर गोविंदराम एस खारवाल, रायचंद दावरिया, राम चन्द्र सिसोदिया, मांगीलाल आर खारवाल,घमण्डी राम,हनुमानसिंह खारवाल,महादेव डी खारवाल, हरीराम पी खारवाल, धीगड़मल, सोहनलाल खारवाल आदि मौजूद थे।
समिति का गठन
लवण उत्पादक खारवाल समाज की बैठक में श्री सांभरा आशापुरा संघर्ष समिति का गठन किया गया।इसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष एडवोकेट महेश कुमार खारवाल,उपाध्यक्ष अनिल बी खारवाल,सचिव अरविंद बी खारवाल,कोषाध्यक्ष पारस जी खारवाल,संगठन मंत्री रामचन्द्र सिसोदिया सहित 21 जनों को संरक्षक मण्डल में शामिल किया गया।
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