17 साल पुराना गठबंधन टूटने की कगार पर !
नई दिल्ली।
भाजपा और जदयू का 17 साल पुराना गठबंधन टूट की कगार पर है। भाजपा गठबंधन को बचाने में पूरा जोर लगा रही है। पार्टी नेता नितिन गडकरी और मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरूवार को जदयू अध्यक्ष शरद यादव से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद शरद यादव ने कहा कि गठबंधन जारी रखने या नहीं रखने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि जदयू ने भाजपा से इस बात का भरोसा चाहती है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा।
जदयू को लग रहा है कि चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाने के बाद भाजपा देर सवेर मोदी को पीएम का पद का उम्मीदवार घोषित कर देगी,इसलिए भाजपा से अभी से किनारा कर लिया जाए। समाचार चैनल के हवाले से आई खबर के मुताबिक भाजपा ने जदयू को भरोसा दिलाया है कि पीएम पद का उम्मीदवार एनडीए की सहमति से ही बनेगा। उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को दो दिन में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का अल्टीमेटम दिया था।
इससे पहले लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी और भाजपा अध्यक्ष ने नीतीश कुमार और शरद यादव से फोन पर बात की। आडवाणी ने कहा कि पार्टी ने अभी पीएम पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है इसलिए गठबंधन पर जल्दबाजी में फैसला न लें। आडवाणी ने कहा कि एनडीए के घटक दलों से चर्चा के बाद ही पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा लेकिन नीतीश इन दलीलों से संतुष्ट नहीं हुए।
इसके बाद आडवाणी ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को नीतीश को मनाने का जिम्मा सौंपा। आडवाणी ने बादल से आग्रह किया है कि वह नीतीश कुमार से बात कर उन्हें गठबंधन में बने रहने के लिए कहें।
कांग्रेस से हाथ मिलाने के संकेत
इस बीच नीतीश कुमार ने कांग्रेस से हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि अगर बिहार के पिछड़े राज्य का दर्जा दिया जाता है तो कांग्रेस के समर्थन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। रंजन ने कहा कि राजनीति में सभी संभावनाएं खुली होती है। फिलहाल हम एनडीए का हिस्सा हैं। हमारी पहली प्राथमिकता गठबंधन पर फैसले को लेकर है।
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