मूक-बधिर छात्राओं से दुष्कर्म
जयपुर।
राजधानी में सरकारी बालिका एवं शिशु गृह की मूक-बधिर छात्राओं से एक आवासीय विद्यालय में दुष्कर्म की शर्मनाक घटना सामने आई है। असहाय बच्चियों से यह दरिंदगी वहीं के कर्मचारी व अधिकारी कर रहे थे। पुलिस ने आवासीय स्कूल की संचालिका सहित 4 को गिरफ्तार किया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक समाज कल्याण विभाग को घटना की जानकारी थी, लेकिन वह जांच के नाम पर मामले को दबाए रहा।
पुलिस के अनुसार बच्चियों ने संचालिका को इसकी जानकारी देने का प्रयास किया, लेकिन उसने अनसुना कर दिया। बच्चियों इतनी डरी हुई थीं कि आवासीय स्कूल में काउंसलिंग के दौरान भी दर्द बयां नहीं कर पाईं। मामला 30 अप्रेल को शैक्षणिक सत्र खत्म होने पर सामने आया, जब वे अपने बालिका गृह पहुंचीं। यहां काउंसलिंग के दौरान किसी तरह वे आपबीती कह पाईं। प्रारम्भिक जांच के बाद बाल कल्याण समिति ने शुक्रवार को कानोता थाने में मामला दर्ज कराया।
एनजीओ चला रहा है स्कूल
घटना आगरा रोड स्थित खंडेलवाल वाटिका में मंदबुद्घि मानसिक विमंदित मूक बधिर एवं नेत्रहीन छात्र-छात्रा आवासीय विद्यालय की है। इसे सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के सहयोग से आवाज फाउण्डेशन नाम का एक एनजीओ चला रहा है। आवासीय स्कूल में इस सत्र में 109 छात्र थे, जिनमें गांधी नगर स्थित बालिका गृह की 19 बçच्चयां शामिल हैं।
कर्मियों की पड़ताल
पुलिस स्कूल की संचालिका अल्पना दसवानी, वार्डन अशोक प्रजापत, लिपिक सुरेश बैरवा व सहायक गीता को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ अन्य अधिकारियों के साथ आवासीय स्कूल पहुंचे थे। मामले की जांच एसीपी प्रीति कंकाणी को सौंपी गई है। घटना पर समाज कल्याण विभाग और बाल कल्याण समिति के पदाघिकारियों ने चुप्पी साध ली है।
एक साल से चल रहा था दुस्साहस
गांधी नगर स्थित अपने बालिका गृह आने पर काउंसलिंग के दौरान बçच्चयों ने आपबीती बयां की। बताया कि पहले कुछ के साथ छेड़छाड़ की गई, लेकिन वहां उनकी पीड़ा को सुनने-समझने वाला कोई नहीं था। शिकायत नहीं हुई तो दुराचारियों का दुस्साहस बढ़ गया और उन्होंने पांच बçच्चयों को अपनी शिकार बनाया। यह सब एक साल से चल रहा था। काउंसलिंग में बçच्चयों ने बताया कि होली के दिन रंग लगाने के बहाने उनसे ज्यादती की गई। विरोध करने पर मारपीट की।
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