अतिरिक्त जिला कलक्टर को 2 वर्ष की सजा
बीकानेर।
नोखा के बीकासर गांव में ओरण की जमीन के फर्जीवाड़े के पन्द्रह साल पुराने मामलें में श्रीगंगानगर के अतिरिक्त जिला कलक्टर (एडीएम) अशोक यादव को दो साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में दो और लोगों को भी दो वर्ष की सजा सुनाई गई है।
अदालत ने एडीएम अशोक यादव,नैनगिरि और ओम प्रकाश राठी को आपराघिक षडयंत्र रच गैर कानूनी ढंग से भूमि हस्तांतरण का दोषी मानते हुए भ्रष्टाचार निवारण अघिनियम की धारा 13-1-डी-2 और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत चार-चार हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया।
सेशन न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण मामलात नगेन्द्रपाल भंडारी ने निर्णय सुनाया। यादव की पत्नी प्रज्ञा,रिश्तेदार रामचंद्र और पूर्व सरपंच बुधाराम को बरी कर दिया गया। अदालत ने कहा कि जुर्माना अदा नहीं करने पर उन्हें चार-चार महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष की ओर से 40 गवाहों के बयान कराए गए। अदालत ने फैसला सुनाने के बाद सजा स्थागित कर दी और आरोपियों को हाईकोर्ट में अपील के लिए एक माह का समय दिया। अपील स्वीकार नहीं होती है तो तीनों आरोपियों को अदालत में पेश होना होगा और सजा भुगतने जेल जाना होगा।
यह था मामला
1997-98 में अशोक यादव ने बीकानेर में उपखंड अघिकारी के रूप में कार्यरत थे। उसी दौरान नैनगिरि ने देशनोक के ओरण करणी माता की बीकासर में स्थित 28 बीघा और तीन बिस्वा जमीन की खातेदारी एसडीएम ने फर्जीवाड़े से नयनगिरी के नाम की। इसके बाद विशेष रूचि दिखाते हुए नोखा तहसीलदार को निर्देश दिए और मिनट बुक में मार्क लगाया कि जमीन का बयनामा नहीं किया जाए।
इसके बाद एक ही दिन में सारी कार्रवाई खुद ने कराई जिसमें अपने मामा ससुर रामचन्द्र यादव के नाम चढ़वा दी। इसकी गुप्त सूचना मिलने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच के बाद 2005 में तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।
इसके खिलाफ अशोक यादव ने राजस्थान उच्च न्यायलय में याचिका दायर की जिसे उच्च न्यायालय ने वर्ष 2011 में खारिज करते हुए उस पर पांच हजार रूपए का जुर्माना लगाया और साथ ही कार्मिक विभाग को अशोक यादव के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश भी दिए।
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