सड़क पर दिनभर संग्राम
इससे आक्रोशित वकीलों ने पीसीआर वैन जला दी। वकीलों ने पीसीआर वैन प्रभारी एएसआई धर्मसिंह की रिवॉल्वर और पांच कारतूस छीन जलती वैन में फेंक दिए। पुलिसकर्मियों ने भागकर जान बचाई। संघर्ष में डीसीपी महेन्द्र सिंह, एडिशनल एसपी राजेश सिंह सहित एक दर्जन पुलिसकर्मियों के चोट आई हैं। वहीं, करीब तीस वकील घायल हुए हैं।
जयपुर।
जनपथ पर बुधवार को हुई लाठी-भाटा जंग के बाद गुरूवार को फिर पुलिस और वकीलों के बीच सेशन कोर्ट के बाहर घमासान हो गया। वकील कोर्ट परिसर में डटे थे तो बाहर सर्किल पर पुलिस तैनात थी। दोनों तरफ से तीन घंटे लाठी-भाटा जंग चली। पुलिस ने कोर्ट परिसर में आंसू गैस के गोले, मिर्ची बम और रबर बुलेट दागी।
इससे आक्रोशित वकीलों ने पीसीआर वैन जला दी। वकीलों ने पीसीआर वैन प्रभारी एएसआई धर्मसिंह की रिवॉल्वर और पांच कारतूस छीन जलती वैन में फेंक दिए। पुलिसकर्मियों ने भागकर जान बचाई। संघर्ष में डीसीपी महेन्द्र सिंह, एडिशनल एसपी राजेश सिंह सहित एक दर्जन पुलिसकर्मियों के चोट आई हैं। वहीं, करीब तीस वकील घायल हुए हैं।
जस्टिस चौहान पहुंचे मौके पर
संघर्ष थमते न देख जजों ने मामले में हस्तक्षेप किया। पहले एडीजे विष्णु दत्त शर्मा गेट नम्बर दो से निकल पुलिस के पास पहंुचे। इसके बाद चीफ जस्टिस के निर्देश पर जस्टिस आरएस चौहान 3:30 बजे जिला कोर्ट पहुंचे और वकीलों से शांति बनाने की अपील की। उन्होंने बताया, चीफ जस्टिस ने सीएम से बात कर पुलिस कार्रवाई रोकने को कहा है। वकीलों को भी संयम बरतना चाहिए। इसके बाद पुलिस कार्रवाई बंद कर दी गई। उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वकीलों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि वार्ता के लिए सरकार के द्वार हमेशा खुले हैं।
देशभर में हड़ताल!
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने कहा कि देशभर के वकील जयपुर के वकीलों के साथ हैं। राजस्थान बार काउंसिल के अध्यक्ष संजय शर्मा और बार एसोसिएशन, जयपुर अध्यक्ष अमरजीत सिंह मस्ताना ने कहा कि देश भर में वकील एक दिन की हड़ताल कर सकते हैं।
दल निकला, माहौल बिगड़ा
वकील गुरूवार सुबह कोर्ट परिसर में एकत्र हुए। विरोध देखते हुए सुबह पुलिस बंदियों को पेशी पर नहीं लाई। कोर्ट स्थित चौकी पर भी कोई पुलिसकर्मी नहीं था। वकीलों ने पहले चौकी में तोड़फोड़ की। फिर अस्थाई हवालात पर पुलिस टैंट में आग लगा दी। इस बवाल के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा कार्यालय में आयोजित दी बार एसोसिएशन के जनरल हाउस की बैठक को सम्बोघित कर रहे थे। इसी दौरान कलक्ट्रेट में कार्य कर रहे वकीलों को समझाने के लिए जिला अदालत से वकीलों का एक दल बाहर निकला।
जगह-जगह भिड़े दोनों पक्ष
कैंडल थीम पार्क के पास वकीलों की पहले यातायात पुलिस के एसआई और हेड कांस्टेबल से झड़प हुई। बाद में वे सदर थानाधिकारी मनोज गुप्ता से उलझ गए। कलक्ट्रेट से अतिरिक्त जाप्ते के बाद पुलिस ने वकीलों को खदेड़ना शुरू किया तो वकील परिसर में भाग गए और पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और मिर्ची बम अदालत परिसर की ओर दागे। सिंधी कैम्प थाना पुलिस की टीम डी-सर्किल की ओर जाने वाली सड़क के कोने पर खड़ी थी। वकीलों की भीड़ ने उस पर भी धावा बोल दिया।
हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, डीजीपी, पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी और एडीसीपी रघुवीर सैनी को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न वकीलों पर हुए बल प्रयोग की न्यायिक जांच कराई जाए और घायलों को मुआवजे का आदेश दिया जाए? गुरूवार को चीफ जस्टिस अमिताभ रॉय और जस्टिस अजय रस्तोगी की बैंच ने महेन्द्र शांडिल्य की याचिका पर सीएस और डीजीपी को हिदायत दी कि ऎसी घटना दोबारा न हो। घायलों को इलाज मुहैया कराया जाए।
विधानसभा में हंगामा
विधानसभा में भाजपा के राजेन्द्र राठौड़ और ओम बिड़ला ने मामले की न्यायिक जांच की मांगकर हंगामा किया। नाराज प्रतिपक्ष ने सदन से वाक आउट कर दिया और कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी।
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