बेटिया स्कूलों में सीखेंगी हिफाजत के गुर
बाड़मेर
स्कुल तालीम का वह दर होता है जहा हर किसी को आने वाली जिन्दगी की मुश्किलों से दो दो हाथ करने की सिख के साथ साथ किताबो के जरिये बहुत कुछ सिखाया जाता है . कभी अक्षर ज्ञान तक सिमित रहे वाले स्कुल वक्त के साथ बदले है . अब न तो पहले वाले पढाई के तोर तरीके रहे और न ही वह घिसे पिटे आधार . अब इन्ही स्कुलो में आत्म रक्षा का न्य अध्या शुरू होने वाला है . दिल्ली की दिल दहला देने वाली सामूहिक दुष्कर्म की घटना से लोगों में उपजे असंतोष के बाद सरकार ने स्कूली शिक्षा के जरिये भी एहतियात के जरूरी उपायों पर काम शुरू कर दिया है। अब अपर प्राइमरी स्कूलों में लड़कियों के लिए जूडो-कराटे जैसी आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी उनकी शारीरिक शिक्षा का जरूरी हिस्सा होगी। साथ ही नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा पर भी सरकार का फोकस बना रहेगा।सरकार न केवल विधालय में आने वाली बेटियों को पुर रुपें आत्म रक्षा के लिए सक्षम बनाने के मांस में है बाल्टी उन्हें हर मुश्किल का सामना करने का ज्ञान भी देने के मूड में है . जानकारी के मुताबित राज्यसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान माकपा सदस्य टीएन सीमा ने लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिए जाने जैसी जरूरतों पर सरकार से जवाब मांगा था। जवाब में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री शशि थरूर ने कहा कि सरकार स्कूलों, कॉलेजों में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर सजग है। इस मामले में जरूरी सुझावों के लिए यूजीसी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को छात्राओं व महिलाओं की प्रति संवेदनशीलता व सुरक्षा उपायों पर जरूरी निर्देश पहले ही दे चुका है। भविष्य में दूसरे कारगर उपायों को सुझाने के लिए टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है। इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बीती जनवरी में ही स्कूलों में शारीरिक शिक्षा की कक्षाओं में लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिए जाने का सुझाव दे दिया था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से जुड़े स्कूलों में जेंडर संवेदनशीलता से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करने की भी योजना है। उसके तहत 11वीं व 12वीं कक्षा में मानवाधिकार व जेंडर स्टडीज पाठ्यक्रम शुरू होगा।विकल्प संसथान की कुसुम बताती है की सरकार की यह नै पहल सही मायने में बेटियों की रक्षा का नया आयाम लिखेगा .
आपके सुझावों पर सरकार की पहल - ऐसा नही है की आगामी शेक्षणिक सत्र तक शुरू होने वाले इस नए तालीम के दोर पर केवल सरकार का ही रेख्नाकन होगा . इस गंभीर मसले पर सरकार यूजीसी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को छात्राओं व महिलाओं और आम लोगो से सुझाव मांगे है और इन सभी सुझावों पर गहनता से विचार किया जायेगा . इन सुझावों में जो सुझाव सबसे अधिक सार्थक होने उन्हें धरातल पर उतरा जायेगा . सरकार का इस नये पाठ्यकर्म को लगो करने के पीछे मकसद ग्यारहवी बहरवी तक की छात्रा को आत्मरक्षा के लिए तेयार कर देना है


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