गौसवकों ने भरी हुंकार,विधानसभा तक गूंज
जयपुर।
राजस्थान की राजधानी में बुधवार को 'गौ सेवा संत समागम' में संतों ने गौ संवर्घन और चारागाह संरक्षण को लेकर एक स्वर में हुंकार भरी। प्रदेश के विभिन्न इलाकों से हजारों की संख्या में लोग यहां एकजुट हुए और सरकार से गौसंवर्घन के लिए कारगर कदम उठाने की मांग की।
उद्योग मैदान में दोपहर तक संतों के संबोधन के बाद हजारों गौसेवकों ने विधानसभा की ओर कूच किया। इस दौरान विधानसभा के पास ज्योति नगर तिराहे पर पुलिस ने जब गौसेवकों को रोक लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच थोड़ी धक्का-मुक्की तो हुई लेकिन संतों के संबोधन के बाद लोग शांत हो गए। लोग वहीं ठहर कर नारेबाजी करने लगे। यदि हजारों प्रदर्शनकारियों की यह भीड उग्र होती तो बात बिगड़ते देर नहीं लगती,लेकिन संतों की मौजूदगी के चलते ऎसा नहीं हुआ।
15 मिनट का अल्टीमेटम
दोपहर करीब 3.30 बजे प्रदर्शनकारी गौसेवकों को संबोघित करते हुए एक संत ने सरकार से वार्ता नहीं होने पर विधानसभा के पास ही धरने पर बैठने की चेतावनी देते हुए पुलिस प्रशासन को 15 मिनट का अल्टीमेटम दिया। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी ने भी मौके की नजाकत को समझते हुए उनके 15 सदस्यों के एक प्रतिनिघि मंडल से वार्ता पर सहमति दी।
3 घंटे तक गूंजते रहे गौसंवर्घन के नारे
गौसेवक संत समागम के बाद विधानसभा तक पहुंचा गौसेवकों का हुजूम करीब 3 घंटे तक पूरे जोर-शोर से गौसंवर्घन को लेकर नारेबाजी कर रहा था। सरकार से वार्ता के बाद 15 सदस्यीय प्रतिनिघि मंडल जब वापस लौटा तब यह प्रदर्शन शांत हुआ।
विधानसभा में भी छाया रहा मुद्दा
गौसंवधर्न और चारागाह संरक्षण मुद्दे पर विधानसभा के बाहर ही नहीं भीतर पर भी जमकर घमासान हुआ। सदन में कई विधायकों की ओर से गौसेवकों के समागम के मुद्दे को उठाते हुए चितंा व्यक्त करते सरकार से जल्द ही कारगर कदम उठाने की अपील की गई। इनमें सत्तापक्ष और विपक्ष के कई विधायकों शामिल थे। सदन में सभी ने गाय को राजनीति का हथियार नहीं बनाने पर भी जोर दिया।
ईट-भट्टों पर चारा प्रतिबंघित हो
शून्यकाल में भारतीय जनता पार्टी के देवीसिंह भाटी ने गौशालाओं को अनुदान दिलाने के लिए साधु संतों का प्रदर्शन करने के मामले की जानकारी देते हुए कहा कि चारागाह समाप्त होने के कारण गायों को पालने में परेशानी आ रही है। उन्होंने ईट-भट्टों को जलावन के लिए चारे के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
राजनीति का हथियार नहीं बने
कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास ने गाय को राजनीति का हथियार नहीं बनाने पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने गाय की रक्षा के लिए जो कदम उठाए हैं उतने भाजपा सरकार ने कभी नहीं उठाए।
इन्होंने भी उठाई आवाज
भाजपा के जीवाराम चौधरी,बाबू सिंह राठौड़,राजकुमार रिणवा ने गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया। कांग्रेस के डॉ. परम नवदीप ने पंचायत स्तर पर गौ शालाएं बनाने का सुझाव दिया। कांग्रेस के ही करण सिंह ने गायों को खुला छोड़ने से होने वाली समस्या पर ध्यान आकर्षित किया।
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