प्रत्येक जिले में बाल कल्याण समिति गठित 
जयपुर। 
राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अशोक बैरवा ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि राज्य में प्रत्येक जिले में निराश्रित बाल गृहों के लिए बाल कल्याण समिति का गठन किया जाना एक सतत प्रक्रिया है। इन समितियों की प्रत्येक सप्ताह में दो बार बैठकें आयोजित की जाती हैं। 
बैरवा प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इन समितियों का गठन हर वर्ष किया जाता है। इन समितियों के समक्ष निराश्रित बाल गृहों से सम्बंधित जो भी प्रकरण आते हैं उन्हें तत्काल निस्तारित किया जाता है। निराश्रित बाल गृहों की व्यवस्थाओं के सम्बंध में समिति की बैठकों के बाद ही निर्णय लिए जाते हैं। 
उन्होंने बताया कि प्रतापगढ़ जिले में बाल कल्याण समिति की बैठक गत 7 मार्च और 12 मार्च को आयोजित की गई थी। जिले में गठित समिति में इंदिरा,सविता,एजाजखान,हुकुमचंद और अनिल शर्मा सदस्य है। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा समय समय पर बच्चों की देखभाल के लिये जो भी निर्देश दिए जाते हैं उनकी पालना कराई जाती है। 
इससे पहले विधायक नन्दलाल मीणा के मूल प्रश्न का उत्तर देते हुए बैरवा ने राजस्थान में वर्ष 2008 से 2012 तक बालगृहों में वर्षवार,जिलेवार एवं बालगृहवार नामांकित बच्चों की संख्या सदन की मेज पर रखी। बाल गृह में प्रवेशित इन बच्चों को उक्त अवधि में नि:शुल्क आवास,भोजन,वस्त्र,शिक्षण,चिकित्सा आदि सुविधाएं उपलव्ध कराई गई। मीणा का दावा था कि प्रतापगढ में समिति की एक भी बैठक नहीं हुई। भाजपा की किरण माहेश्वरी सहित कई सदस्यों ने आरोप लगाया कि समितियों की बैठक नहीं होती हैं। 

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