भू-जल संरक्षण दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ

जैसलमेर, 22 मार्च/ पंचायत समिति सभागार, जैसलमेर में दो दिवसीय कार्यषाला का आयोजन केन्द्रीय सरकार के केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, पष्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर तथा राजीव गांधी राष्टीय भूमि जल प्रषिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, ( जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार ) रायपुर छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में प्रारम्भ हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मूलाराम चैधरी प्रधान ग्रामपंचायत जैसलमेर ने की तथा अब्दुला फकीर जिला प्रमुख मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद थे।
काजरी के हेड डा. जे पी सिंह ने शुष्क वातावरण में उन पौधों तथा फसलों को रोपित करने की बात कही जो पानी की खपत कम करते है तथा फसल का उत्पादन भी अधिक होता है।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने बोलते हुए कहा कि हमने प्रकृति के साथ छेड-छाड करके अपने आने वाली पिढी के लिएसंकट पैदा किया है पिछले 30 वर्षो में करोडों साल से पानी के रूप में जमा पूजी का अत्यधिक उपभोग कर जिले की दो पंचायत समिति जैसलमेर तथा साकडा को डार्क श्रेणी में पहंुचा दिया है।प्रधान मूलाराम चैधरी ने सभी नागरिको से भूमिजल के सदुपयेग पर जोर दिया। सभा का समापन सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर किया गय।कार्यषाला टैक्निकल सेषन में डाॅ. एन.डी. इणखिया, वैज्ञानिक भूजल विभाग राजस्थान सरकार ने राजस्थान के भूजल परिदृश्य तथा जैसलमेर जिला के घटते भूजल सेसाधनों के बारे मे विस्तार से चर्चा की।
कृषि विज्ञान केन्द्र जैसलमेर के डा. दिपक चतुर्वेदी जी ने कम्पोस्ट खाद के उपयोग तथा भूमि व सतही जल के समुचित उपयेग तथा भूमि व सतही जल के समुचित उपयोग पर उपस्थित कृषकों तथा प्रतिभागियों का ध्यानाकषर्ण कराया।
केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड जयपुर के श्री वसीम अहमद, वैज्ञानिक डी ने विभिन्न प्रकार की चट्टानों में भूमि जल की उपलब्धता तथा प्रषिक्षणार्थियों को स्व-जल प्रबंधन पर विशेष बल दिया। टैक्निकल सत्र का समापन चर्चा पर हुआ जिसमें विभिन्न संभागियों ने अपने-अपने विचार प्रकट किये तथा सकारात्मक सुझाव दिए। कार्यक्रम का समापन शनिवार को होगा जिसमें कार्यशाला के प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र और किट्स वितरण किए जाएगें।

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