पुलिस मेस पर ताले, नारेबाजी कर जताया विरोध 

बाड़मेर
जयपुर में वकीलो पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में वकीलो की तीसरे दिन हड़ताल जारी रही। शनिवार सुबह वकील कलेक्ट्री पहुंचे तो दोनों गेटों पर ताले जड़े थे। इससे गुस्साए वकीलों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ ही देर में वकीलों की भीड़ जमा हो गई। जिससे एक बारगी माहौल गरमा गया। सूचना मिलने पर एडीएम अरुण पुरोहित, तहसीलदार बद्रीनारायण विश्नोई मौके पर पहुंचे। गेट के ताले खुलवाए गए। इसके बाद वकील शांत हो गए। वकीलों ने शनिवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार जारी रखा। शनिवार सुबह दस बजे कलेक्ट्री के गेट बंद होने पर करीब आधे घंटे तक वकीलों ने प्रदर्शन किया। वकीलों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इससे एक बारगी माहौल गरमा गया। अधिवक्ता संघ के एडवोकेट करनाराम चौधरी, कन्हैयालाल जैन, राऊराम समेत बड़ी तादाद में वकीलों की भीड़ जमा हो गई। इधर, एडीएम अरुण पुरोहित मौके पर पहुंचे। वकीलों से समझाइश करते हुए गेट के ताले खुलवा दिए। इसके बाद वकील शांत हो गए। तीसरे दिन भी न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करते हुए वकील हड़ताल पर रहे। 
लोगों की सुरक्षा करना 'गुनाह' है क्या? 

जयपुर में वकीलों के प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे पुलिस अफसरों को हटाए जाने के विरोध में शनिवार को पुलिस मेस पर ताले लगा दिए। पुलिस अफसर व कार्मिक भी सड़क पर उतर आए। कांस्टेबल हाथों में लोगों की सुरक्षा करना क्या हमारा गुनाह है.. की तख्तियां थामे एएसपी कार्यालय पहुंचे। पुलिस के तेवर तीखे थे, नारेबाजी करते हुए विरोध दर्ज करवाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री के नाम एएसपी को ज्ञापन सौंपा। पुलिस अफसरों की अगुवाई में पुलिसकर्मियों ने राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत जयपुर के बैनर तले शनिवार को पुलिस अफसरों व कार्मिकों ने प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां थामे पुलिसकर्मी एएसपी ऑफिस पहुंचे। जहां पर जयपुर में वकीलों के प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था संभालने वाले पुलिस अफसरों को हटाए जाने पर रोष जताते हुए नारेबाजी की। मुख्यमंत्री के नाम एएसपी को सौंपे ज्ञापन में बताया कि कानून के रखवालों के साथ अन्याय किया जा रहा है। जयपुर में वकीलों की ओर से तोडफ़ोड़ करने व आग लगाने की घटना पर कंट्रोल करना पुलिस की जिम्मेदारी थी। निर्दोष पुलिस अफसरों को हटा दिया गया। गुरुवार को जयपुर में जो कुछ हुआ राजस्थान के इतिहास के लिए शर्मनाक था। मुख्यमंत्री से पूरे मामले की न्यायिक जांच करवाकर दोषी वकीलों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाए। इस मौके पर डीएसपी नाजिम अली, कोतवाल देवाराम, सदर थानाधिकारी लूणसिंह भाटी, सीआई महेन्द्र सिंह भाटी, हरिसिंह समेत बड़ी तादाद में पुलिस अफसर व कांस्टेबल मौजूद थे। 

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