मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बने ऐतिहासिक क्षण के गवाह
बाड़मेर.
विधायक जैन ने किया स्वागत
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने स्वागत आये सभी अतिथियों का स्वागत किया। जिसमें उन्होंने लोकपि्रय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने हर गरीब और आम वर्ग े हित में कई योजनाएं लागू कर राहत दिलाई है, चाहे वो मुख्यमंत्री दवा योजना हो या फिर मीठे पानी की सौगात। उन्होंने इस दौरान ओवरबि्रज, लिफ्ट कैनाल, सीटी सेन उपलब्ध करवाने पर भी मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया।
एकजुटता बड़ी मिसालः
बाड़मेर-जैसलमेर े सांसद हरीश चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि कुशल वाटिका एक ऐतिहासिक स्थान है, जहां मंदिर, स्कूल, कॉलेज सहित कई प्रकार की गतिविधिया आयोजित हो रही है। साथ ही शिक्षक संस्था में जैन धर्म ही नहीं बल्कि सभी धर्मों े बच्चे शिक्षा से जुड़ने की अनूठी मिसाल कायम कर रहे है, ये बाड़मेर े लिए खुशी की बात है।
याद रहेगा ये ऐतिहासिक क्षणः
स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए करोड़ों रुपए की लागत से बन रही कुशल वाटिका बाड़मेर ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ेगी और आज ये ऐतिहासिक क्षण हर कोई याद करेगा। उन्होंने इस कुशल वाटिका े भूखण्ड उपलब्ध करवाने वाले आसूलाल डोसी का भी धन्यवाद ज्ञापित किया और समाज सेवा े रूप में अदभूत कार्य करने पर प्रशंसा की। वृद्धावस्था आश्रम, अस्पताल, हॉस्टल, धर्मशाला बनाने व जनहितार्थ कार्य करने े लिए जिन कुशल वाटिका े सभी ट्रस्टी व भामाशाहों का आभार जताया।
मंदिर े साथ स्कूल खोलना एक नई सोच है:
मुख्य अतिथि अशोक गहलोत ने संबोधन से पूर्व उपाध्याय मणि प्रभ सागर से आशीर्वाद लिया। इसे बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर तो मैने बहुत देखे है, लेकिन मंदिर े साथ समाजसेवा े रूप में सभी जातियों े लिए स्कूल खोलना एक नई सोच है। भगवान महावीर भी अहिंसा े पुजारी थे, उन्होंने हिंसा नहीं करने की शपथ दिलाई थी। इसी तरह महात्मा गांधी भी अहिंसा े पुजारी थे, वे हमेशा हिंसा का विरोध करते थे। इसीलिए 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस े रूप में मनाया जाता है।
शिक्षा े साथ दीक्षा जरूरीः
कार्यक्रम े अंत में उपाध्याय मणि प्रभ सागर ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सबसे बड़ा काम करते हुए राज्य में तंबाकू पर रोक लगाई। वहीं कई योजनाएं लागू की है, जिनका फायदा आमजनता को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा े साथ दीक्षा की भी जरूरत है, ेवल शिक्षा से जीवन सफल नहीं हो सकता है। ऐसे में हमे शिक्षा े साथ दीक्षा को भी ग्रहण करना चाहिए।
पांडाल भी पड़ गया छोटाः
धर्मसभा में भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ने से राज दरबार भी छोटा पड़ता नजर आया। महिलाओं और पुरुषों े लिए बैठक व्यवस्था अलग-अलग की गई थी। इस दौरान पांडाल में भारी संख्या में भक्तों की भीड़ े कारण खचाखच भर गया था। इस बीच मुख्य द्वार पर खड़ी भीड़ को जब पांडाल में घुसने से रोका गया तो हंगामा करने लगे। इस बीच भीड़ को शांत करने करने े लिए विधायक मेवाराम जैन खुद मंच से उतरे और भीड़ े बीच पहुंच उन्हें शांत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संबोधन चल रहा था। एकाएक हंगामे व शोरगुल से एक बारगी राज दरबार में बैठी भीड़ भी उठ खड़ी हो गई। लेकिन समय रहते भीड़ को शांत कर प्रोग्राम को विधिवत चालू रखा। इसी तरह जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुशल वाटिका की पटि्टका का अनावरण कर उदघाटन कर रहे थे, तो भारी संख्या में भीड़ उग्र हो गई। इस बीच पुलिस जवानों ने भीड़ को कंट्रोल किया और मौे से हटाया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुशल वाटिका में धर्म सभा को संबोधित करने े बाद सीधे पचपदरा े लिए रवाना हो गए।
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