कुशल वाटिका में भव्य च्यवन कल्याणक विधान का आयोजन हुआ
बाड़मेर
कुशल वाटिका के विशाल राजदरबार में आज अंजनशलाका प्रतिश्ठा के तीसरे दिन अत्यन्त उल्लास के साथ परमात्मा मुनिसुव्रत स्वामी का च्यवन कल्याणक विधान सम्पन्न हुआ। कल्याणक कार्यक्रम का प्रारम्भ उपाध्याय मणिप्रभासागरजी म.सा. के मंगलाचरण से हुआ। पूज्य गुरूदेवश्री ने च्यवन का महत्व समझाते हुए फरमाया कि च्यवन शब्द मात्र तीर्थंकरों के साथ ही लगता है। तीर्थंकर अपनी साधना से अपना एवं सम्पूर्ण सृश्टि का कल्याण करते है। उनके इस अंतिम जीवन की यह प्रथम घटना है और ज्योंहि यह घटना घटती है असीम दुःखों के बीच रहते नरक के जीवन भी पलभर के लिए सुख का अनुभव करते है। च्यवन कल्याण विधान में ज्योंहि राजदरबार का प्रवेश हुआ पूरा पड़ांल जयकारों के साथ गूंज उठा। सजे धजे सिंहासन पर मातपिता बने महाराजा एवं महारानी बैठे थे तो देव विभाग में प्रथम देवलोक के अधिपति इन्द्र इन्द्राणी बैठे थे? इस कार्यक्रम के अन्तर्गत माँ ने विशश्ट चौदह सपने देखे इस चौहद स्वप्नों को लेकर एकएक बालिका आती गई और अपने भक्तिभाव भरे नृत्य से तालियां भरपूर बटौरती रही। कार्यक्रम का संचालन नेरन्द्र वाणी गोता एण्ड पार्टी ने किया। उनका संचालन खूब मोहक होने के कारण जनता लम्बे समय तक पंडाल में जमी रही। आज प्रातः का नाश्ता अन्तरीदेवी नेमीचन्दजी मालु धोरीमन्ना द्वारा था तो दोपहर की नवकारसी श्री बाबुलालजी भरतकुमार बेटा पोता नेमीचन्दजी छाजेड़ द्वारा थी तो ाम की नवकारसी किस्तुरचन्दजी शिवदानमलजी रांका सेठिया चौहटन की थी। दोपहर में दादा गुरूदेव पूजन पाश्र्व परिवार की ओर से था। पूजन एवं तीनों समय के लाभार्थी बंधुओं का ट्रस्ट मण्डल की अनुमति से भिन्नभिन्न लाभार्थियों द्वारा तिलक, माला, श्रीफल, मोमेन्टों, दुपट्टा, चुन्दड़ी एवं साफा द्वारा बहुमान अलग से मण्डप में किया गया। प्रतिश्ठा समिति के संयोजक संघवी तेजराजजी गुलेच्छा ने बताया कि इस प्रतिश्ठा महोत्सव की तैयारियाँ लम्बे समय से चल रही थी। आज यह भव्यता इसी पुरूशार्थ का परिणाम है। समिति के समायोजक श्री विजयराज डोसी ने बताया कि कुशल वाटिका की प्रतिष्ठा भव्य इतिहास रच रही है। यहाँ के कार्यक्रम भारत में प्रसिद्धि पा रहे है। ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री भंवरलालजी छाजेड़ ने बताया आज हमारा परिश्रम सार्थक हो रहा है। हम लम्बे समय से इस कार्यक्रम को लेकर मेहनत कर रहे थे पर आज हमें खुशी हैं कि हमने जो कल्पना की थी, वह पूरी हुई। कार्यक्रम को लेकर जनता में जबरदस्त उत्साह है। सुबह से रात तक जनता उत्साह से प्रत्येक कार्यक्रम में जोश के साथ भाग ले रही है। इसी के साथ ही श्री ांकरसिंह लखना, भरत जैन, सुचित्रा व्यास ने रात्रि को भक्ति संध्या की प्रस्तुती दी, जिसे सुनकर भक्तगण भक्ति से झुम उठे।
आज के कार्यक्रम प्रातः में प्रमोद विद्युत नगर में जन्म कल्याणक विधान, राजगृही नगर में जन्म कल्याणक महोत्सव, छप्पन द्कि कुमारी महोत्सव, इन्द्रासन्न कम्पन, सुघोशा घण्ट वादन, इन्द्र महोत्सव मेरू पर्वत पर 250 अभिशोक, अभिनव पेी का लोकार्पण, दोपहर में महावीर स्वामी ाट्कल्याणक पूजन , रात्रि में भक्ति संध्या का आयोजन आदि कई आकशर्क कार्यक्रम होंगें ।
जे.एन. छाजेड़ प्राथमिक विद्यालय का लोकार्पण.
कुशल वाटिका के विशाल प्रांगण में बनी जे.एन. छाजेड़ प्राथमिक विद्यालय का लोकार्पण अत्यन्त भव्य समारोह के साथ सम्पन्न हुआ। विद्यालय का उद्घाटन श्रीमती धाईदेवी धर्मपत्नी नेमीचन्दजी सुपुत्र बाबुलाल, सम्पतराज, पुखराज, मदनकुमार, राकेशकमुार ने किया। समारोह को सम्बोधित करते हुए उपाध्याय प्रवरश्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने कहा इस विद्यालय में शिक्षित होकर बच्चे देश, समाज, संघ एवं परिवार का कल्याण करें। कर्तव्य पालन करते हुए अध्ययन पथ पर चलकर आत्मा की उन्नति करें, इसी में दानदाता एवं प्रेरणादाता की प्रसन्नता है। विद्यालय प्रेरिका बहिन म. डॉ. साध्वी श्री विद्युतप्रभाश्रीजी म.सा. ने कहा श्राविका धाईदेवी की भावनाओं का साकार रूप है यह विद्यालय, उनकी लम्बे समय की भावना आज पूर्ण हुई है। आज इस आयोजन में नेमीचन्दजी की उपस्थिति होती तो ओर आनन्द आता। कार्यक्रम पश्चात लाभार्थी परिवार का बहुमान किया गया।
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