जन्म कल्याणक के वरघोड़े में उमड़ा जन सैलाब 
बाड़मेरः 12 फरवरी बाड़मेर अहम्दाबाद राश्ट्रिय राजमार्ग संख्या 15 पर स्थित गुरूवर्या श्री प्रमोद श्री सी समाधि भूमिपर स्थित कुशल वाटिका के विशालतम परिसर मे चल रहे अजंनशाला का प्रतिश्ठा महोत्सव के आज सातवे दिन प्रव ऐतिहासिक जन्म कल्याणक वरघोड़े में श्रदालूओ का उमड़ा जन सैलाब। ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवरलाल छाजेड़ ने बताया की पुज्य गुरूदेव श्री मणीप्रभ सागरजी म.सा. आदि मुनि भगवन्त एव माताजी म.सा. रतनमालाजी एवं बहिन एव डॉ. विघुतप्रभा जी आदि विशालतम साधु साध्वी मण्डल के पावन सानिध्य मे 13 फरवरी 2013 बुधवार को सम्पन होगी। 
आज प्रातः देश के विभिन्न भागों से हरगली मोहले, नुकड़ ताथ पुरे ाहर के अलावा बाहर से श्रद्वालूओं का हुकुम आराधना भवन की और सभी श्रदालूओं सजधजकर टोलीयों के साथ उमड रहे थे। समिति के संयोजक तेजराज गोलेच्छा ने बताया की प्रातः 9 बजे स्थानीय आराधना भवन से ऐतिहासिक ाोभायात्रा का आगाज पूज्य गुरूदेव मणिप्रभ सागर म.सा. के मंगलाचरण से एव जिन्दत कुशल खतरगच्छ पेठी के अध्यक्ष मोहनचन्द ठा, संयोजक विजयराज डोसी, चैरमेन पुखराज भन्साली, अध्यक्ष भंवरलाल छाजेड़, वक्फ बोर्ड के चैयरमेन लियाकत अली, बाड़मेर विधायक मैवाराम जैनसहित षौभा यात्रा को हरी झण्डी दिखाने के लाभार्थी परिवार ाोभायात्रा का आगाज हुआ। 

समिति के संयोजक सघवी विजयराज डोसी ने बताया की इस ऐतीहासिक षौभायात्रा मे देव विमान से पुश्प वशार पुरे षौभायात्रा में, प्रतिश्ठा का बेनर लीये दो युवक षौभायात्रा का आगाज कर रहे थे। बाड़मेर मोटर साइकल पर जैन ध्वज लिये चल रहे थे।ोल पार्टि, ाहनाई वादक, जैन धर्म से सम्बन्धित विभिन्न परिचयात्म संदेश के रथ ऊंठ पर स्वार होकर नगारा वाहन, इन्द्रध्वजा का रथ, राजहंस मन्दिर की झाकी, ाहर के अलावा बाहर से आई सुप्रसिद्ध बैन्ड बाजे अपनी मधुर स्वर लहरीयों से भजनो की प्रस्तुती से वातावरण को धर्ममय बनाता हुआ बाद मे सुसज्जित घोड़ों पर स्वार युवक हाथो में जैन ध्वज लिये तीन एयर वाकर लिये, दो लम्बुजी व छोटु जी कार्टुन आक्रति, एक बन्दर, सेठसेठानी, मणिपुर नृत्य पुर्वलेस बैन्ड आकशर्ण का केन्द्र रहा, ट्रेक्टर पर झाकीयों में सुघोश घध्टा, परमात्मा की अयट मंगल की फुलों से सुसज्जित आकशर्ण चार झाकीया जैन ध्वजं मंच पताशा लिये नन्हेमुन्ने बालक, बंसी वाले ोल पार्टीबाड़मेर से कुशल वाटिका स्पेशल ट्रेन जिसको फुलों से सुसज्जित किया गया, जिसमें चारो दादा वाड़ियों के दशर्नीय जिसमे मालपुरा, देरासर, अजमेर, दिल्ली, बिलाड़ा इत्ययादि। दादगुरूदेव की झांकी सुखसागर म.सा., का्रन्ति सागर जी म.सा., प्रमोदश्री जी म.सा. इत्यादि की झांकीयां, गुजारती गरबा, हाथी के होदे पर स्वार भगवान के मातापिता हाथि पर अन्य लाभार्थी परिवार, एवं खुली जीपो में चक्रेश्वरी देवी, पदामावती देवी, सवरस्तीदेवी, लक्ष्मीदेवी, पुश्प वशार के लिये तोप, भगवान के राजदरबार की विभिन्न झांकियां व घोड़ा बघी, बैन्ड पुज्य उपाध्याय प्रवर श्री मणीप्रभसागर जी म.सा. आदि के बाद मे सलो व दुपटटो को धारण कीये हुए हजारों संख्या में जयकारें के घोशसे पैदल षौभायात्रा षौभा बारहे है। परमात्मा का फुलों से सुसज्जित रथ साध्वीवशार बहिन डॉ. विघुत प्रभाजी आदि विशाल तम साध्वी मण्डल के साथ मंगल कलश सिर पर धारण किये महिलाएं मंच मंगल गित गाति हुई सकाड़ों महिलाऍं गुजराती गरबा, भगवान की पंचकल्याणककी पांच झाकीयां, ट्रेक्टर पर थर्माकोल की जहाज मन्दिर, गज मन्दिर की कुशल वाटिका की काल्पनिक सुसज्जित झाकीयांशौभायमान थी। 
प्रतिश्ठा समिति के महामही अमृतलाल जैन ने बताया कि ौभायात्रा आराधना भवन से चौहटन रोड़, सुभाशचौक, रेल्वेस्टेशन, स्टेशनरोड़, जैन छात्रावास, गांधीचौक, सब्जीमण्डि, लिक्ष्मबाजार, होतेहुए विघापिठ पहुची जहा से हजारो की संख्या में श्रद्घालू कुशल वाटिका परिसर पर पहुंचे। ट्रस्ट के महामंत्री दीपचन्द बालना ने बताया की ाोभायात्रा का पुश्प वशार पूरे ाहर का तोरण द्वारों, रंगबीरगीं रंगोलीयों के साथ अन्य समाजो के लोगो ने षौभायात्रा का पुश्पवशर से स्वागत किया तथा पुरे 
ाहर को दुल्हन की तरह सजाया गया। 
प्रतिश्ठा समिति के चैयरमैन पुखराज भन्साली ने बताया षौभायात्रा कुशल वाटिका परिसर में पहुंचने पर षौभायात्रा का स्वागत सामैया एवं अक्षत की गुहली से कर बघाया गया बाड़मेर षौभायात्रा राजगृही नगरी के राजरबार मे पहुंचकर धर्मसभा मे परिवर्तित हो गई बाड़मेर दिक्षा कल्याणक विघान सम्पन्न हुआ। 
दीक्षा कल्याणक विघान अदभुत त्याग के धारक तीर्थंकर परमात्मा जब माता की कुक्षि मे आते है तब से ही निर्मल, ाुद्वमति,श्रुत और अविधमान के स्वामी के होने से संवय दिक्षा का समय जानते है । फिर भी परम्परा, आचार, मर्यादा के कारण नवलोकांतिक देवों की प्रार्थना तीर्थ प्रर्वताओं की विनती के पश्चात ही भगवान एक वशर तक प्रतिदिन एक करोड आठ लाख सोने का दान देकर जगत के जीवों की दरिद्रता दूर करते है । पश्चात सर्व विरति धर्म , संयम को स्वीकार करते है, इसे दीक्षा कल्याणक कहते है । 
प्रातः देवीपुजन, दोपहर मे दिक्षा कल्याणकविधान, वीश्स्थानकपुजन इत्यादि एव रात्रि में अंजनशलाका का महाविधान ब्रह्म मूर्त में अन्तिम देशना , अभिशोक विधान, परमात्मा का गंभारा प्रवेश के साथ सुबह का नाश्ता, सुबह की नवकारसी, ाम की नवकारसी सहित अन्य लाभार्थियों का बहुमान किया गया । 
ाोभायात्रा में आज जबरदस्त उत्साह एवं उमंग से पूरा ाहर सरोबार रहा। हर व्यक्ति के मुख पर इस विशाल ाोभायात्रा की चर्चा रही । यह ाोभायात्रा शहर के लिए ऐतिहासिक व अविस्मयकारी रही । इस ाोभायात्रा में युवा वर्ग नारे लगाता व नाचता झूमता नजर आया ।देव विमान व मिनी ऐरोप्लेन द्वारा जगह जगह पर ाोभायात्रा पर पुश्प वशार की गई । पुरी ाोभायात्रा आकशर्ण का केन्द्र रही । विभिन्न स्थानों पर ाहर वासियों द्वारा पेयजल, ारबत आदि की व्यवस्था की गई । इस ाोभयात्रा की सुरक्षा का जिम्मा शिवाजी गु्रप के कंधों पर रहा । इस शोभायात्रा के संयोजक सम्पतराज बोथरा सहित जैन समाज की सभी संस्थाओं ने बहुत ही अच्छी तरह से संचालन किया । 

आज के कार्यक्रम 
प्रातः में ाुभ मुर्हुत में माणक स्तंभ, आरोपण, तोरण विद्यान, परमात्मा मुनि सुव्रत स्वामी, दादा गुरूदेव , नवग्रह मन्दिर, गुरू मन्दिर, देव देवी मन्दिर आदि की प्रतिश्ठा, दोपहर में ान्ति स्नात्र महापूजन आदि की प्रतिश्ठा के समय हेलिकोप्टर से पुश्प वशार होगी जो मुख्य आकशर्ण का केन्द्र रहेगा ।

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