कौमार्य परीक्षण के नाम पर की अश्लीलता 

खंडवा। मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग के खंडवा जिला मुख्यालय के ईसाई समाज के चर्च द्वारा संचालित कन्या छात्रावास की मूलत: महाराष्ट्र के जलगांव निवासी 17 वर्षीय छात्रा का कौमार्य परीक्षण करने के साथ उसके साथ अश्लील हरकतें करने वाले आरोपी डॉक्टर और इस काम में सहभागी वार्डन एवं आया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मेथोडिस्ट चर्च द्वारा संचालित छात्रावास की कक्षा 10 वीं एक 17 वर्षीय छात्रा हाल ही में अपने घर पर छुट्टी मनाकर लौटी थी। जिसका कौमार्य परीक्षण करने और अश्लील हरकतें करने के मामले में आरोपी डॉक्टर एसएफ अली और इस काम में साथ देने वाली वार्डन एवं एक आया को पुलिस ने सोमवार की रात को गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस ने इस मामले में कड़ा रूख अपनाते हुए आरोपी डॉक्टर के खिलाफ हाल ही में पारित प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल अफेन्स एक्ट 2012 की धारा 4 के तहत के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इस धारा में सजा के कडेे प्रावधान है। मूलत: महाराष्ट्र के जलगांव निवासी पीडित छात्रा की मां ने बताया कि उसकी बेटी खंडवा जिला मुख्यालय में अपने नानी के घर पर रहती थी। पढ़ाई के लिए उसे यहां के आनंद निवास गर्ल्स होस्टल में भर्ती कराया गया और वह पिछले आठ साल से यहां रह कर अध्ययन कर रही है। हाल ही में वह क्रिसमस की छुटि्टयों बनाने घर आई थी।

प्रेगनेंट तो नहीं हो गई

इसी सप्ताह जब वह वापस होस्टल लौटी तो वार्डन ब्युला राव ने उससे कहा की दस दिन में गर्भवती तो नहीं हो गई इसलिए उसका डाक्टरी परीक्षण जरूरी है। इसके बाद उसने होस्टल की आया शीला कलवले के साथ उसे शहर के गणेश तलाई इलाके के डाक्टर अली के यहां परीक्षण के लिए भेजा। उस दिन डाक्टर ने उसका परीक्षण कर एक दो दिन बाद आने को कहा। उन्होंने बताया कि इसके बाद दो दिन बाद आया उसे फिर डॉक्टरअली के पास ले गई। जहां उसने अपने क्लिनिक के बजाय पास में पास के एक अलग कमरे में ले गया और उसे अपनी गोद में बैठाकर अश्लील हरकते की। साथ ही डॉक्टर ने छात्रा के अंतर वस्त्र उतारे और परीक्षण के बहाने गुप्त अंगों के साथ छेड़खानी की। छात्रा ने जब इसका विरोध किया तो डॉक्टर ने उसे यह बात किसी को भी न बताने के लिए धमकाया। 

वार्डन ने नहीं सुनी शिकायत

छात्रा ने जब आया और वार्डन को इसकी शिकायत की तो उन्होंने भी इसे अनसुना किया और चुप रहने की ताकीद दी। पीडिता की मां का कहना है कि बेटी ने इसके बाद यह बातें परिजनों को बताई। इस पर परिजनों ने खंडवा पुलिस को इस मामले की शिकायत की। तब पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेकर त्वरित आरोपी डाक्टर सहित वार्डन और आया को भी गिरफ्तार कर लिया।

हो सकती है 7 साल सजा

इस मामले में पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा का कहना है कि पीडित छात्रा नाबालिग है और उसने स्वयं इस मामले की लिखित शिकायत की है इसलिए तत्परतापूर्वक कार्यवाही की गई है। बच्चों की रक्षा के लिए हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पारित प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल अफेन्स एक्ट तहत आरोपी डाक्टर अली के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इस एक्ट के तहत न्यूनतम 7 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्र्रावधान है। ऎसे मामले की सुनवाई विशेष अदालत में होगी। इस मामले में पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि होस्टल की अन्य छात्राओं के साथ भी इस तरह की हरकतें तो नहीं की गई है। 

चर्च ने पल्ला झाड़ा

वही दूसरी तरफ मेथोडिस्ट चर्च के फादर मनीष बेडियन का कहना है कि होस्टल में किसी भी बालिका के कौमार्य परिक्षण की कोई परंपरा नहीं है और न ही इस मामले में कोई इस तरह की कार्यवाही हुई है। बच्चो को स्वास्थ्य संबंधी शिकायत पर जरू र डॉक्टर के यहां ले जाया जाता है। इस मामले में भी यही किया गया है लेकिन यदि डॉक्टर ने कोई गड़बड़ की है तो यह निश्चित रूप से गंभीर मामला है। उनकी संस्था भी मामले की जांच कर रही है तथा जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top