सिणधरी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन, नाटक के जरिए दिए संदेश 
बाडमेर। 
स्वाइन फ्लू से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि जागरूक रहकर इससे बचा जा सकता है। इसलिए कुछ सावधानियां बरतते हुए खुद का बचाव करें और दूसरों को भी स्वाइन फ्लू से बचाएं। ये एहतियातिक सुझाव बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जितेंद्रसिंह ने स्वाइन फ्लू जागरूकता कार्यक्रम के दौरान आमनज को दिए। वे सिणधरी स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग, केयर्न इंडिया और स्माईल फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान यहां सांस्कृतिक दल शुभम संस्थान द्वारा नाटक व गीतसंगीत के जरिए आमजन को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में महामारी विशोषज्ञ डॉ. मुकेश गर्ग, केयर्न अधिकारी सुंदर राजन, स्माईल फाउंडेशन के मूलचंद खींची, संजय ठाकुर, शुभम संस्थान के मुकेश व्यास, प्रधानाध्यापिका शांति चौधरी, क्षेत्रिय समन्वयक सुरेश ओझा, श्रवण बामनिया, डॉ. गौरव श्रवणकार मौजूद थे। 
जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई ने बताया कि कार्यक्रमों की फेहरिस्त में आगामी दिनों में सिणधरी क्षेत्र में कोसलू, बालोतरा क्षेत्र में थोब आदि में किए जाएंगे। यही नहीं जहां स्वाइन फ्लू के मामले प्रकाश में आ रहे हैं, वहां भी जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन होगा। बुधवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान विभाग एवं स्माईल फाउंडेशन की ओर से आईईसी सामग्री भी बांटी गई। कार्यकम को संबोधित करते हुए केयर्न अधिकारी सुंदर राजन ने कहा कि स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा ताकि आमजन से इस गंभीर बीमारी से बच सके। डॉ. मुकेश गर्ग ने बताया कि यह बीमारी एच1एन1 वायरस से फैलने वाली श्वास की बीमारी है तथा छींक, खांसी, बुखार, जुखाम व बदन दर्द इसके लक्षण है। उन्होंने बताया कि इससे आसानी से बचाव किया जा सकता है, इसलिए बारबार हाथ धोते रहें और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में मुंह पर मास्क रखकर ही जाएं। मूलचंद खींची ने बताया कि यदि खांसी, छींक आदि हो रहा हो तो इस स्थिति में लापरवाही नहीं बरतें और तुरंत नजदीकी चिकित्सालय में जांच करवाएं। प्रधानाध्यापिका शांति चौधरी ने कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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