कमल हासन बोले,...तो छोड़ दूंगा देश 
चेन्नई।
दक्षिण भारतीय फिल्मों के मशहूर अभिनेता कमल हासन ने बुधवार को कहा कि उनकी फिल्म "विश्वरूपम" के साथ राजनीति हो रही है और उन्हें यदि न्याय नहीं मिला तो वह देश छोड़ने को विवश हो सकते हैं। 
तमिलनाडु सरकार के फिल्म विश्वरूपम पर प्रतिबंध लगाने के कारण अदालती लड़ाई में उलझी इस फिल्म पर उत्पन विवाद के बाद हासन ने बुधवार को अपने आवास पर खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में हिंदी अंग्रजी और तमिल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपनी फिल्म को लेकर उठे विवाद से बेहत आहत हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार देर रात उनकी फिल्म पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया था लेकिन राज्य सरकार ने इस आदेश को चुनौती दी जिसके बाद फिर फिल्म पर प्रतिबंध लगाया गया। हसन ने कहा कि वह न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दें। 
इस बीच एक खबर में कहा गया है कि हासन अपनी फिल्म के विवादित दृश्यों को हटाने पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि को सवालों के घेरे में लाया गया है और यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता है और 95 करोड़ रूपए के बजट से निर्मित उनकी फिल्म के खिलाफ न्यायालय का फैसला जाता है तो वह देश के किसी सच्चे धर्म निरपेक्ष राज्य की तलाश शुरू कर देंगे और यदि यह संभव नहीं हुआ तो वह मशहूर पेंटर एम एफ हुसैन की तरह विदेश में जाने को विवश होंगे। 
हासन ने कहा कि मेरे मामले में राजनीति हो रही है। मुझे यदि न्याय नहीं मिलता है तो मैं देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सच्चे धर्मनिरपेक्ष राज्य की तलाश करूंगा और यदि इसमें असफल रहा तो मैं किसी धर्म निरपेक्ष देश को ढूंढूंगा और फिर वहीं बस जाऊंगा लेकिन इसके बावजूद मैं तमिल भाषा में जो फिल्म बनाना चाहूंगा,उनके निर्माण का कार्य जारी रखूंगा। उन्होंने कहा कि विश्वरूपम के निर्माण के लिए उन्होंने चेन्नई की अपनी पूरी संपत्ति दांव पर लगा रखी है और सरकार ने फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उन्होंने कहा कि तीसरी बार उन्हें अपनी फिल्म के असफल होने पर अपना सब कुछ गंवाना पड़ रहा है लेकिन कि मैं अपने समर्थकों का धन्यवाद करूंगा जो मुझे हौसला दे रहे हैं। हासन ने कहा कि वह अपनी फिल्म विश्वरूपम से जुडे विवादपर अधिक सवालों का जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मामला न्यायालय में हैं और सरकार ने कुछ मुस्लिम संगठनों के दबाव में उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया है।

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