गुजरात चुनाव:शराब तस्करों की पौ बारह 


home newsजयपुर। गुजरात चुनाव ने शराब तस्करी का ग्राफ बढ़ा दिया है। हरियाणा से राजस्थान के रास्ते आम दिनों में पांच से छह ट्रक तक होने वाली शराब तस्करी चुनावी दिनों में दर्जन का आंकड़ा पार कर गई है। एक ट्रक में करीब 20 लाख की शराब मानी जाए तो रोजाना गुजरात ढाई से तीन करोड़ रूपए की अवैध शराब पहुंच रही है। इसमें मुख्य रूप से राजस्थान के आधा दर्जन तस्कर लिप्त बताए जाते हैं।जानकारों के अनुसार हरियाणा व पंजाब से खरीदकर गुजरात के लिए तस्करी करने वाले मुख्य शराब तस्करों को आबकारी विभाग और रास्ते की पुलिस अच्छी तरह जानती है लेकिन मिलीभगत के कारण कार्रवाई नहीं होती। तस्करों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि इनके अलावा अन्य कोई एक गाड़ी भी शराब गुजरात नहीं भेज सकता। बड़े नामों में जोधपुर, सांचौर, उदयपुर के तस्कर बताए जाते हैं। तस्कर इतने शातिर हैं कि ट्रकों में जीपीएस सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उन्हें ट्रक की पल-पल की गतिविधि की जानकारी मिलती रहे।
ट्रक की होती है पेट्रोलिंग
अवैध शराब के ट्रक पेट्रोलिंग कर गुजरात पहुंचाए जा रहे हैं। आबकारी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि ट्रक से करीब 6-7 किलोमीटर आगे लग्जरी कार से पेट्रोलिंग की जाती है। इसकी जानकारी आबकारी चैक पोस्ट और स्थानीय थाना पुलिस को होती है। यदि कभी विशेष जांच होती है तो जानकारी मिल जाती है और ट्रक को गुप्त स्थान पर 10 से 12 घंटे तक खड़ा कर दिया जाता है। जांच बंद होने पर ट्रक आगे बढ़ता है। इस काम में चोरी के ट्रक या फर्जी नंबर वाले ट्रक उपयोग में लिए जाते हैं।
हरियाणा-पंजाब की शराब की तस्करी राजस्थान के रास्ते हो रही है। इसकी रोकथाम के लिए अतिरिक्त आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी व पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई को कहा है। यह सही है कि अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई।
दिनेश कुमार, आबकारी आयुक्त


यूं पहुंचती है 
राज्य के तस्कर हरियाणा से शराब होलसेल ठेकेदारों से लेकर राजस्थान के रास्ते गुजरात सीमा तक पहुंचाते हैं। गुजरात में खेप लेने वाले शराब तस्कर अलग हैं, जिनका काम जगह-जगह बिक्री के लिए पहुंचाने का है।


चुनाव आयोग को जानकारी
राजस्थान के रास्ते गुजरात जाने वाली अवैध शराब की जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त को भी है। वे पिछले दिनों प्रदेश के मुख्य सचिव को भी शराब तस्करी पर शिकंजा कसने के निर्देश दे चुके हैं। इस पर कार्रवाई के लिए आबकारी आयुक्त को कहा गया, लेकिन आबकारी विभाग के विशेष दस्ते अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर पाए।




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