दुष्कर्मी चाचा को 36 दिन में फांसी
मनावर (धार)।
मनावर कोर्ट ने बुधवार को 4 वर्षीय मासूम बालिका से दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। 15 दिनों की ट्रायल और 36 दिन में आया कोर्ट का यह फैसला ऎसे जघन्य मामलों में नजीर माना जा रहा है। 31 अक्टूबर 2012 को मध्यप्रदेश के ग्राम करोली में मासूम का शव गन्ने के खेत में मिला था। मासूम की हत्या करने वाला उसका चाचा सुनील था। सुनील घटना के दिन बालिका को यह कहकर घर से ले गया था कि वह उसे मजदूरी करने गए उसके माता-पिता से मिलवाने ले जा रहा है।
नीयत में खोट आने के बाद सुनील ने मासूम के साथ पहले दुष्कर्म किया और जब वह बेहोश हो गई तो गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी पर धारा 302, 376(2) (च), 367, 363 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। अपर जिला सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार खरे ने बुधवार को मामले में सजा सुनाई। इसके पूर्व मनावर कोर्ट में मामले को लेकर 15 दिन में ट्रायल, आरोपी के बयान और दोनों पक्षों की सुनवाई हो गई थी। उक्त फैसले को सुनते ही मृतिका मासूम के माता-पिता लक्ष्मण व पारू बाई परिसर में प्रसन्नचित नजर आए। मां पारू ने इसे ईश्वरीय न्याय बताया।
मात्र 36 दिवस में घटना एवं प्रकरण का निराकरण होना प्रदेश के लिए एक ऎतिहासिक फैसला है। ये लिम्का बुक में दर्ज करने जैसा है।
रमेश अगल्चा, एजीपी मनावर
एक ऎसी अबोध बालिका जो ठीक से बोल नहीं सकती थी, उसके साथ आरोपी ने दुष्कर्म कर बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी। यह घटना शर्मनाक है। आरोपी के गले में फांसी लगाकर जब तक लटकाया जाए तब तक कि उसकी मृत्यु न हो जाए।
-अविनाश कुमार खरे, अपर जिला सत्र न्यायाधीश (अपने फैसले में)
ऎसे चला मामला
घटना: 31 अक्टूबर 2012
चालान पेश हुआ: 8 नवंबर
कमिट: 16 नवंबर
चार्ज में लिया: 20 नवंबर
ट्रायल प्रोग्राम: 21 नवंबर
गवाह बयान: 27, 29, 30 नवंबर
मुलजिम बयान: 3 दिसंबर
सजा: 5 दिसंबर
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