कांस्टेबल भर्ती: बदले नियम-कायदे 

जयपुर। 
परीक्षा में सामूहिक नकल व मुन्ना भाई बनने के बढ़ते प्रचलन पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने भी नये नियम-कायदे बना लिए हैं। इसके तहत अभ्यर्थियों के लिखित परीक्षा के बाद इंटरव्यू की परिपाटी को भी खत्म कर दिया गया है। इंटरव्यू के स्थान पर इसके अंक अब अभ्यर्थी की विशेष्ा योग्याता से संबंधित प्रमाणपत्र के आधार पर दिए जाएंगे।

सूत्रों ने बताया कि पुलिस मुख्यालय ने इस बार आधुनिक तकनीक के आधार पर बनाए गए नियम-कायदों के आधार पर कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में हर प्रकार की गड़बड़ी को रोकने का दावा किया है। नई व्यवस्थाओं के तहत परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी को अपना फोटो आईडी भी साथ लाना होगा,वहीं सामूहिक नकल को रोकने के लिए इसबार रेंडम सिस्टम से परीक्षा के सेंटर अलॉट करने की व्यवस्था भी की गई है। 

इसके अलावा अभ्यर्थियों को रोल नंबर भी बारकोडिंग सिस्टम से ही दिए जाएंगे। शारीरिक दक्षता में अभ्यर्थियों को दौड़ के मामले में पारदर्शिता लाने के लिए रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटीफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) सिस्टम की व्यवस्था भी की गई है। इस सिस्टम के अधार पर ही अभ्यर्थियों को दौड़ के मामले में अंक दिए जाएंगे। 

सूत्रों ने बताया कि पुलिस मुख्यालय इन दिनों कांस्टेबल के दस हजार पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने की तैयारियों में जुटा हुआ है। परीक्षा के लिए आवेदन पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि छह नवंबर है। इस परीक्षा के लिए अभी तक करीब आठ लाख आवेदन पत्र मुख्यालय को मिल चुके थे। इसके चलते अंतिम तिथि तक करीब दस लाख आवेदन पत्र मिलने की उम्मीद जताई गई है। लिखित परीक्षा छह जनवरी को आयोजित की जाएगी।

विशेष्ा योग्यता को महत्व
मुख्यालय के एडीजी जसवंत संपत राम ने बताया कि भर्ती के मामले में पूरी तहर से पारदर्शिता लाने के मामले में इसबार इंटरव्यू की परिपाटी को खत्म कर दिया गया है। एडीजी के मुताबिक अभ्यर्थी को 75 फीसदी अंक लिखित परीक्षा के, 15 फीसदी अंक दौड़ और दस प्रतिशत अंक उसकी विशेष्ा योग्याता से संबंधित प्रमाणपत्रों के आधार पर दिए जाएंगे।

थंब इंप्रेशन की जगह फोटो आईडी
सूत्रों ने बताया कि परीक्षा केंद्र में फर्जी परीक्षार्थियों को रोकने के लिए मुख्यालय ने थंब इंप्रेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों ने बताया कि इस तकनीक के मौके पर इस्तेमाल करने और थंब इंप्रेशन के परिणाम देरी से आने के कारण यह तकनीक पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हुई। 

एडीजी (हैडक्वार्टर) जसवन्त संपतराम का कहना था कि थंब इंप्रेशन सिस्टम को सतही रूप से लागू करने में खासी परेशानियां आ रही थी। इसके चलते परीक्षा केंद्र और अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र में प्रवेश देने के मामले में नये नियम-कायदे बनाये गए हैं। इसके तहत अब अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में परमिशन लेटर के साथ-साथ उसका फोटोआईडी देखकर ही प्रवेश दिया जाएगा।

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