युवाओं ने बॉर्डर से दिया देश प्रेम का संदेश
बाड़मेर
'सीमा केवल कंटीले तारों की बाड़ मात्र नहीं, यह देश की अस्मिता है। जैसे खेत की बाड़ मजबूत होना, घर की चारदीवारी ठीक होना तथा उस पर नजर रखना जरूरी है, उसी प्रकार देश के युवा के लिए भारत की सीमा को देखना और समझना आवश्यक है।' इसी विचार के साथ युवाओं ने 'फोरम फोर इंटीग्रेटेड नेशनल सिक्योरिटी' के बैनरतले 'सरहद को प्रणाम' किया। देश की 15106.7 किलोमीटर लंबे बॉर्डर की सभी सीमा चौकियों व गांवों में जाकर तीन दिन तक युवाओं ने राष्ट्र जागरण का प्रयास किया।बाड़मेर से सटी पाकिस्तान सीमा पर विभिन्न प्रांतों के 236 नौजवान सीमावर्ती जीवन से रूबरू हुए। सरहदी गांवों में युवा तीन दिन तक तिरंगा झंडा थामे एकता का संदेश देते नजर आए। इन्होंने सीमा पर सैनिकों के साथ ही प्रशासनिक तंत्र व आमजन के साथ संवाद करते हुए एक नया अनुभव प्राप्त किया।
देशभक्ति नारों से गूंजा बॉर्डर:
राष्ट्र युवाओं ने देश की रक्षा धर्म हमारा-देश सेवा कर्म हमारा, जन-जन ने पुकारा है-सीमा वासी हमारा है, सीमा से आया संदेश-अखंड रहेगा भारत देश, शहीद आकाश का तारा है-भारत मां का प्यारा है...सरीखें जयघोष लगाए।
सरहद को प्रणाम :
देश की जमीनी सीमा पर सैनिकों व ग्रामीणों के साथ तीन दिन तक युवाओं ने ली बॉर्डर एरिया की जानकारी, राष्ट्रीय एकता का दिया संदेश
राष्ट्र रक्षा मानव शृंखला बनाई
कार्यक्रम के अंतिम दिन पूरी सीमा पर युवाओं ने राष्ट्र रक्षा मानव शृंखला बनाते हुए देश की अखंडता का संदेश दिया। आधार शिविरों में दूसरे राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने वहां की संस्कृति के कार्यक्रम से सांस्कृतिक एकता दर्शायी। वहीं अपने क्षेत्र के पवित्र जल स्रोत से लाए जल से सीमा का जलाभिषेक करने के साथ ही यहां की सीमा की मिट्टी को संग्रहित किया। यहां की सीमा की मिट्टी से युवा अपने स्थान के स्थानीय नागरिकों के तिलक लगाएंगे।
सुरक्षित सीमा-विकसित देश
पश्चिमी राजस्थान में सीमा जन कल्याण समिति ने सरहद को प्रणाम, कार्यक्रम को लेकर दो स्थानों पर आधार शिविर स्थापित किए। यहां पूर्वी-दक्षिणी भारत के 18 प्रांतों से 263 युवाओं ने आकर तीन दिन तक सीमा तथा क्षेत्रीय लोगों के जीवन के बारे में जाना। शिविर प्रमुख सुशील भंडारी ने बताया कि 18 टोली बनाकर युवा सीमा चौकियों के साथ ही सीमांत क्षेत्र के एक हजार परिवारों के बीच पहुंचे। युवा इस क्षेत्र के 50 स्कूलों में भी गए। सभी स्थानों पर युवाओं ने जवानों व ग्रामीणों के रक्षा सूत्र भी बांधे।
थार वासियों ने की 'सेवा-चाकरी'
युवाओं का सीमावर्ती गांवों के निवासियों के साथ ही बाड़मेर शहर के लोगों ने भी भव्य स्वागत करते हुए भोजन की व्यवस्था की। ग्रामीणों ने सामाजिक समरसता का परिचय दिया। कार्यक्रम में सीमा जन कल्याण समिति के साथ ही वांकलधाम विरात्रा ट्रस्ट और शिव-शक्ति धाम जसदेर का विशेष सहयोग रहा। सीमा जन कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष अंबालाल जोशी, एबीवीपी के छुगसिंह राठौड़, पूर्व सैनिक खुमाण सिंह रड़वा व प्रेमसिंह सोढ़ा सहित कई कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाओं को संभाला।
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