बहनों ने भाई के तिलक लगा मनाई भाई दूज
जैसलमेर
भैया दूज का त्योहार गुरुवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। बहिनों ने अपने भाई व भाभी के तिलक लगा मुंह मीठा करवाया। जैसलमेर में यह त्योहार परंपरागत रूप से मनाया जाता रहा है। भैया दूज पर पवित्र सरोवर में स्नान करने की परंपरा भी है। मूल रूप से इस त्योहार पर यमुना स्नान, यम पूजन और बहिन के घर के भाई का भोजन विहित है। शास्त्रीय मत के अनुसार इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती है। इस दिन को श्रद्धापूर्वक मनाने से भाई की आयु वृद्धि और बहिन को सौभाग्य सुख की प्राप्ति होती है।
गुरुवार को कुंवारी कन्याएं और महिलाएं सुबह जल्दी उठी और सज-संवरकर मंदिरों के दर्शन करने पहुंची। जैसलमेर के लक्ष्मीनाथजी सहित सभी मंदिरों में भारी भीड़ थी। बहिनों ने भाइयों को शुभ मुहूर्त में तिलक लगाया। बदले में भाइयों ने अपनी लाडली बहिनों को उपहार स्वरूप बर्तन, आभूषण या रुपए दिए। इस दिन छोटी-छोटी बालिकाओं में भी अपूर्व उत्साह नजर आया।
भाईयों की लंबी उम्र की कामना की जाती है: भैया-दूज के त्योहार पर बहनें भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती है। यह त्योहार भाई-बहिन के बीच परस्पर स्नेह को बढ़ाता है। तिलक में श्रीलक्ष्मी का वास माना जाता है। अक्षत पवित्रता का प्रतीक है। वैदिक काल से चला आ रहा यह त्योहार आज भी जैसलमेर में परंपरा और उल्लास से मनाया जाता है।
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